मुंबई। फिल्में हमारे समाज को सीधा प्रभावित करती हैं। इन दिनों फिल्म पुष्पा की भले ही धूम मची है लेकिन इसके उद्देश्य और स्टोरी पर बहुत बड़ा सवाल उठा है।
पद्म पुरस्कार पा चुके टीनी आर्टिस्ट गरिकापति नरसिम्हा राव (Garikapati Narasimha Rao) अल्लू अर्जुन (Allu Arjun) और रश्मिका मंदाना (Rashmika Mandanna) स्टारर पुष्पा (Puhspa: The rise) के खिलाफ हमला बोला है. उन्होंने कहा ऐसी फिल्म समाज में हो रहे अत्याचार को बढ़ावा देती हैं.
अल्लू अर्जुन (Allu Arjun) और रश्मिका मंदाना (Rashmika Mandanna) स्टारर पुष्पा (Puhspa: The rise) की दुनियाभर में तारीफ हो रही है. डायलॉग से लेकर फिल्म के गाने भी जबरदस्त लोकप्रिय हो रहे हैं जिन पर लाखों रील्स बन चुके हैं. हर कोई इस फिल्म की स्टार कास्ट की तारीफ करते नहीं थक रहा है लेकिन क्या बाकई पुष्पा लोगों को किसी तरह का अच्छा मैसेज देती है?
मनोरंजन के तौर पर सुकुमार (Sukumar) की फिल्म दिलचस्प है जिसमें हर एक एक्टर ने अपने अभिनय से दिल जीता है लेकिन इससे सीखने को क्या मिलता है तो जवाब शायद कुछ नहीं ही होगा. ऐसा हम नहीं बल्कि एक पद्म विजेता (Padm shri Winner) का मानना है. क्योंकि पूरी कहानी एक लाल चंदन के तस्कर के गुणगान की है. हाल ही में इस फिल्म पर पद्मश्री से नवाजे जा चुके लोकप्रिय टीवी के कलाकार गरिकापति नरसिम्हा राव (Garikapati Narasimha Rao) ने कुछ सनसनखीजे कमेंट (Sensational comments) किए हैं.
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गरिकापति नरसिम्हा राव (TV ACtor Garikapati Narasimha Rao) ने हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान दावा किया कि ‘पुष्पाः द राइज जैसी फिल्में समाज में होने वाले अत्याचार का कारण हैं. ये बिना मतलब की फिल्म है जिसका कोई सेंस ही नहीं निकलता और ये एक खतरनाक मिसाल (dangerous precedent) कायम करती है. पुष्पा की कहानी एक तस्कर का महिमामंडन करती है और इसे एक हीरो बनाती है. पद्म पुस्कार विजेता आगे कहते हैं थगेडे ले (thaggede le), जब वे भी वो यानी तस्कर किसी की पिटाई करता है तो उसके चहेते लोग उसका एक बड़े हीरो के रूप में स्वागत करते हैं….अगर मैं कभी भी इस फिल्म के निर्देशक या एक्टर से मिलूंगा तो पुष्पा को लेकर जरूर बात करूंगा.
.. क्या मेकर्स जिम्मेदारी लेंगे?
आगे उन्होंने ये भी सवाल किया कि ‘अगर इसे देखने वाले लोग तस्कर से प्रेरित होकर इसी तरह का असल लाइफ में दुर्व्यवहार करते हैं तो क्या मेकर्स इसकी जिम्मेदारी लेंगे?’ उन्होंने इस फिल्म की सामग्री गैर-जिम्मेदार करार दिया है और साथ ही दूसरी कई फिल्मों को भी दोषी ठहराया है. उन्होंने कहा, ‘सिर्फ यह फिल्म ही नहीं, कई फिल्में मनोरंजन के नाम पर बकवास को बढ़ावा देती हैं. ये लोगों के बीच मिसबिहेव (Problematic behaviour) को बढ़ाने का सामान्य करने का रास्ता देती है.’ पुष्पा के मेकर्स ने अभी तक इन सवालों का जवाब नहीं दिया है.