जयपुर। राजस्थान एसओजी ने वायरल अश्लील वीडियो मामले में महिला कांस्टेबल को भी रविवार को गिरफ्तार कर लिया।
महिला कांस्टेबल ने वीडियो वायरल होने के पीछे अपने मासूम बेटे की ही गलती बता दी है। उसका कहना रहा कि वह पूल पार्टी के वीडियो अलग फोल्डर में सेव कर रही थी। बेटे की गलती से वीडियो व्हाट्सएप स्टेटस पर अपलोड हो गया। उसके भाई-भाभी ने करीब 10 मिनट बाद उसे फोन कर बताया लेकिन तब तक कई लोगों ने वीडियो देखकर सेव कर लिया था।
अनुसंधान अधिकारी एएसपी दिव्या मित्तल ने गिरफ्तार महिला कांस्टेबल को न्यायाधीश के आवास पर पेश किया, जहां से उसे भी 17 सितम्बर तक रिमांड पर सौंपा है। इसी मामले में निलम्बित आरपीएस हीरालाल सैनी एसओजी की रिमांड पर चल रहा है। आरोपी सैनी व महिला कांस्टेबल को पोक्सो मामले में ही पकड़ा गया है। महिला कांस्टेबल अपने ही मासूम बेटे के सामने आरोपी सैनी के साथ अश्लील हरकत कर रही थी। आरोपियों ने अश्लील वीडियो भी बनाया। बनाए गए वीडियो के संबंध में महिला कांस्टेबल से भी पूछताछ की जा रही है।
5 साल से दोस्ती
पुलिस उपअधीक्षक व महिला कांस्टेबल ने बेशर्मी की सारी हदें पार कर दी थीं।हीरालाल सैनी की महिला कांस्टेबल से पांच साल से दोस्ती थी। सैनी की जयपुर में तैनाती के दौरान दोनों में दोस्ती हुई थी। उनमें नजदीकियां बढ़ी जिससे महिला कांस्टेबल के वैवाहिक जीवन में कड़वाहट घुलती चली गई।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक( एटीएस-एसओजी अजमेर) दिव्या मित्तल ने शनिवार को झुंझुनूं जिले के गुढ़ागौड़ बडगांव निवासी निलंबित सीओ हीरालाल सैनी से पुष्कर की एक होटल के कमरा नम्बर 502 की घटनास्थल के रूप में तस्दीक कराई। इससे पहले सैनी को ब्यावर सीओ कार्यालय भी ले जाया गया।
अब तक की पूछताछ में हीरालाल सैनी ने वीडियो पुष्कर के एक होटल में 10 जुलाई को महिला कांस्टेबल द्वारा ही होटल के कमरे में बने पूल में बनाया गया बताया। उसे वीडियो बनाए जाने की जानकारी थी लेकिन गलती से वीडियो वायरल हो गया।
अश्लील वीडियो मामले में निलंबित आरपीएस हीरालाल सैनी को शनिवार को जयपुर में एसओजी ने पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत में पेश किया। अदालत ने सैनी को 17 सितंबर तक रिमांड पर सौंप दिया। एसओजी ने आरोपी सैनी को शनिवार दोपहर करीबन तीन बजे पॉक्सो कोर्ट की पीठासीन अधिकारी रेखा शर्मा के आवास पर पेश किया। एसओजी ने कहा कि उन्हें वीडियो की असली कॉपी जब्त करने के साथ पूछताछ करनी है। ऐसे में उसको रिमांड पर सौंपा जाना चाहिए।
आरएलपी संयोजक व नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने आरोप लगाया कि आरपीएस सैनी के तार मुख्यमंत्री कार्यालय से जुड़े हुए हैं। पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए ताकि दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हो सके। बेनीवाल ने कहा कि इस मामले में राजस्थान पुलिस का दोगला चरित्र सामने आया है।