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अजमेर। सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी की ओर से राजनीतिक नियुक्तियों के हाल ही शुरू किए गए सिलसिले में अजमेर विकास प्राधिकरण में चेयरमैन पद को लेकर चल रही राजनीतिक जोर आजमाइश में अब माली समाज भी अपनी ताकत दिखाने में आगे आ गया है। अजमेर उत्तर, अजमेर दक्षिण, केकडी, किशनगढ, पुष्कर विधानसभा क्षेत्र में समाज की ओर से एडीए का नेतृत्व इस बार माली समाज के राजनीतिक कार्यकर्ता को सौंपे जाने की आवाज बुलंद की जा रही है।
इसी क्रम में ज्योतिबा फुले सैनी फूल मालियान एकता समिति गहलोतों की डूंगरी सहित माली समाज की विभिन्न समितियों के आवहान पर रविवार को पुलिस लाइन चौराहा स्थित गणपति टावर में माली समाज की विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों, भामाशाहों, प्रबुद्धजनों की बैठक में एडीए चैयरमेन पद का मुद्दा छाया रहा।
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उपस्थित समाजबंधुओं का कहना था कि माली समाज के लोग भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टी से भी जुडे रहे हैं। कांग्रेस ने एक बार भी माली समाज अजमेर के व्यक्ति को टिकट अथवा सम्मानीय पद नहीं दिया। इस बार अवसर है कि कांग्रेस माली समाज के व्यक्ति को एडीए चैयरमेन पदभार संभालने का अवसर प्रदान करे।
माली समाज के भामाह त्रिलोकचंद इंदौरा ने कहा कि एकजुट होकर समाज की ताकत दिखाने का वक्त आ गया है। जिले में माली समाज को वर्चस्व के अनुरूप राजनीतिक पहचान और नेतृत्व मिलना ही चाहिए। कांग्रेस संगठन तथा राज्य सरकार तक इस बात को पुरजोर तरीके से पहुंचाया जाए।
ज्योतिबा फुले सैनी मालियान एकता समिति के सचिव हेमेन्द्र सिंगोदिया ने कहा कि राजनीतिक पार्टियों को यह स्पष्ट रूप से जान लेना चाहिए कि माली समाज सिर्फ वोट बैंक ही नहीं बल्कि नेतृत्व करने की क्षमता भी रखता है। इस बार सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी के पास माली समाज के लिए कुछ करने का अवसर है, जो एडीए अध्यक्ष पद के रूप में दिया जा सकता है।
पार्षद नरेन्द्र तूनवाल ने कहा कि अगर जरूरत पडी तो समाज का युवावर्ग जयपुर तक समाज हित में कूच करेगा। समाज में उर्जावान राजनीतिक लोगों की कमी नहीं है, उन्हें बस समाज का पुरजोर समर्थन चाहिए। इस बार एडीए अध्यक्ष पद माली समाज का लक्ष्य है। यह अच्छी बात है कि राजनीतिक मतभेद भुलाकर समाज हित में विभिन्न राजनीतिक दलों से जुडे लोग एक जाजम पर आए हैं।
भाजपा के पूर्व पार्षद महेन्द्र जादम ने कहा कि समाज का व्यक्ति किसी भी पार्टी में हो उसे भरपूर समर्थन देना हमारा कर्तव्य है। राजनीतिक क्षेत्र में भी समाज का परचम फहरे इसके लिए जरूरी है कि राजनीतिक में सक्रिय समाज बंधु का समय, श्रम और धन से भरपूर सहयोग करें। समाज पुरजोर तरीके से मांग उठाएगा तो परिणाम निसंदेह हमारे पक्ष में होगा।
पूर्व पार्षद गणेश चौहान ने कहा कि बीते कई वर्षों से राजनीतिक पार्टियों में सक्रिय समाजबंधुओं को अपेक्षा के अनुरूप मान सम्मान नहीं मिला है। इसमें हमारी अपनी कमजोरी रही है। अजमेर में बहुसख्यक होने के बाद भी हमने हक के अनुरूप कभी मांग नहीं उठाई, परिणाम यह रहा कि माली समाज को पार्टियां वोट बैंक की तरह इस्तेमाल करती रही हैं। इस बार एडीए पद अध्यक्ष पद पर माली समाज से जुडा कांग्रेस का निष्ठावान कार्यकर्ता आएगा तो यह समाज के लिए बडी राजनीतिक सफलता होगी।
माली समाज विवाह समिति के कोषाध्यक्ष वयोवृद्ध मुरलीधर चौहान ने कहा कि अजमेर कांग्रेस पार्टी ने माली समाज के किसी बंधु को सम्मानीय राजनीतिक पद से नहीं नवाजा, जबकि भाजपा ने मेयर पद पर माली समाज से जुडे व्यक्ति को अवसर दिया। कांग्रेस पार्टी वर्तमान में सत्ता पर काबिज है। इसलिए उसे भी माली समाज को पूरा सम्मान देते हुए एडीए का नेतृत्व करने का अवसर प्रदान करना चाहिए।
प्रेमशंकर गहलोत, योगेश गहलोत, पूनम पेंटर, ताराचंद लालडिया, हेमराज सिसोदिया, आनंद प्रकाश, हनीष मारोठिया, गोविंद जादम, पृथ्वीराज सांखला, नवीन कछावा, रणवीर सैनी ने भी विचार व्यक्त किए।
महेश चौहान के नाम पर बनी एक राय
बैठक में एडीए चैयरमेन पद को लेकर माली समाज की ओर से निर्विवाद समाजसेवी महेश चौहान के नाम का प्रस्ताव पेश किया गया। चौहान वर्तमान में कांग्रेस ओबीसी विभाग के जिलाध्यक्ष भी है। बैठक में ओमप्रकाश बागडी, नौरतमल गहलोत, उमेश टांक, भंवरलाल सांखला, भगवान सिंह चौहान, राम प्रसाद मालाकार, विजय मौर्य, मनीष चौहान, सत्यानारायण सैनी, प्रेम इंदौरा, नरेन्द्र तुनवाल समेत बडी संख्या में माली समाज के बंधु उपस्थित रहे।