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शिप्रा नदी में छाई काई, संतों में आक्रोश की लहर

shipra river ujjain
नगर निगम ने मूंदी आंखे, मेलाधिकारी भी नहीं दे रहे ध्यान
उज्जैन। शहर में सिंहस्थ मेला क्षेत्र में जहां संतों के पाण्डाल सज गए हैं वहीं प्रवेशाही की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा हा है। 27 मार्च से प्रवेशाही प्रारंभ हो जाएगी। इधर सिंहस्थ का मुख्य केंद्र बिंदु मोक्षदायिनी शिप्रा में स्नान कर पुण्य लाभ लेना है। यह ध्येय जहां भक्तों का है वहीं संतों का भी है। इधर मंगलनाथ क्षेत्र में संत शिप्रा नदी की दुर्दशा देखकर न केवल आक्रोशित हो रहे हैं बल्कि अब तो आलोचना भी खुलकर कर रहे हैं। इस क्षेत्र में नदी के पानी पर काई की परत छा गई है।
मंगलनाथ क्षेत्र वैष्णव संप्रदाय के अखाड़ों, संतों आदि का पड़ाव क्षेत्र रहता है। यह पूरा हिस्सा शिप्रा नदी के किनारे आता है। शिप्रा नदी के मंगलनाथ क्षेत्र में सैकड़ों श्रद्धालुओं को स्नान कराने हेतु घाट तो बना दिए गए हैं लेकिन नदी की स्थिति चिंताजनक है। नदी के पानी पर काई की परत छा गई है। इसे हटानेवाला कोई नहीं है। जबकि नदी में कचरा,गंदगी से लेकर काई हटाने का काम नगर निगम का है। निगम के आयुक्त अविनाश लवानिया, सिंहस्थ मेलाधिकारी भी है। बावजूद इसके उनका ध्यान नदी की इस दुर्दशा की ओर नहीं है। यही कारण है कि मेला क्षेत्र में सिंहस्थ पूर्व नजारा देखने के लिए जो भी शहरवासी जा रहे हैं, वे नदी की इस स्थिति को देखकर न केवल रोष व्यक्त कर रहे हैं बल्कि अनेक तो अनर्गल आरोपों की जद में जिम्मेदारों को ला रहे हैं।
शिप्रा नदी के इस मंगलनाथ क्षेत्र में अणि अखाड़े भी बसे हैं। सभी का यह आरोप है कि मां शिप्रा नदी की इसप्रकार से अनदेखी की जाएगी, यह समझ से बाहर है। उनके अनुसार नदी में प्रतिदिन स्नान करने का मन करता है। स्वयं को कथित रूप से इसलिए रोकना पड़ता है क्योंकि नदी पर काई की पूरी परत छा गई है। इसके चलते नदी के पानी में प्रदूषण भी अत्यधिक हो गया है। नहाते,तैरते वक्त दुर्घटना की आशंका भी रहती है। उनका आरोप रहा कि नदी का पानी सुंघने पर बदबू मारता है। यानी यह रूका हुआ पानी है या फिर इस पानी में कहीं न कहीं नाले मिल रहे हैं। संतों का आरोप है कि जब सिंहस्थ के एक माह पूर्व यह हालात है तो फिर सिंहस्थ में क्या होगा? उन्होने चर्चा में कहाकि अधिकारी प्रतिदिन आते हैं, बहुत आश्वासन दे जाते हैं। लेकिन दोबारा आता कोई भी नहीं? मांग की कि नदी पर छाई परत को हटावाया जाए।

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