किशनगंज। बिहार में पूर्णिया क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक ने किशनगंज के नगर थानाध्यक्ष अश्विनी कुमार की पश्चिम बंगाल में छापेमारी के दौरान पीट-पीटकर की गई हत्या के मामले में मौके से जान बचाकर भागने वाले सात पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है।
आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को बताया कि पूर्णिया क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि लूटी गई मोटरसाइकिल की बारमदगी एवं अभियुक्त की गिरफ्तारी के लिए किशनगंज नगर थानाध्यक्ष अश्विनी कुमार के नेतृत्व में एक टीम शनिवार तड़के सीमावर्ती राज्य पश्चिम बंगाल में ग्वालपोखर थाना क्षेत्र के पंतापाड़ा गांव गई थी।
इस टीम में पुलिस निरीक्षक मनीष कुमार के साथ ही सिपाही राजू सहनी, अखिलेश्वर तिवारी, प्रमोद कुमार पासवान, उज्ज्वल कुमार पासवान, सुनील चौधरी और सुशील कुमार शामिल थे।
अभियुक्त के रिश्तेदार समेत करीब 500 लोगों ने छापेमारी दल पर हमला कर दिया। भीड़ ने पुलिस निरीक्षक अश्विनी कुमार को पकड़ लिया और उनकी पीट-पीटकर हत्या कर दी। वहीं, छापेमारी दल में शामिल अन्य सात सदस्य मौके से जान बचाकर भाग गए।
यदि इन पुलिसकर्मियों ने अपने कर्तव्य का निर्वहन विवेकपूर्ण ढंग से किया होता तो संभवत: यह घटना नहीं घटित हुई होती। इस वारदात में प्रथमदृष्टया इन सात पुलिसकर्मियों की लापरवाही परिलक्षित होती है।
सूत्रों ने बताया कि पुलिस महानिरीक्षक ने किशनगंज के पुलिस अधीक्षक कुमार आशीष की अनुशंसा पर इस लापरवाही के लिए पुलिस निरीक्षक मनीष कुमार के साथ ही सिपाही राजू सहनी, अखिलेश्वर तिवारी, प्रमोद कुमार पासवान, उज्ज्वल कुमार पासवान, सुनील चौधरी और सुशील कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
इससे पूर्व किशनगंज नगर थानाध्यक्ष अश्विनी कुमार की हत्या के मामले में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीन अभियुक्त को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार अभियुक्तों में फिरोज आलम, उसका भाई अबुजार आलम और उसकी मां सहीनुर खातुन शामिल हैं। पुलिस के मुताबिक फिरोज इस घटना का मुख्य अभियुक्त है।
सूत्रों की मानें तो छापामारी दल के पंतापाड़ा पहुंचने पर अपराधियों ने यह अफवाह फैला दी कि बिहार की पुलिस पश्चिम बंगाल चुनाव में हस्तक्षेप करने आई है। यह सुनकर लोग भड़क गए और किशनगंज पुलिस की टीम को घेर लिया। इस दौरान अन्य पुलिसकर्मी जान बचाकर भाग गए लेकिन पुलिस निरीक्षक अश्विनी कुमार फंस गए। लोगों ने उनकी एक नहीं सुनी और पीट-पीटकर उनकी हत्या कर दी।
वहीं, पुलिस मुख्यालय सूत्रों ने बताया कि शहीद पुलिस निरीक्षक अश्विनी कुमार के परिजनों को अनुग्रह अनुदान, सेवांत लाभ और एक आश्रित को सरकारी नौकरी देने के लिए कार्रवाई की जा रही है।