जयपुर। कोरोना की दूसरी लहर से घबराई राजस्थान सरकार ने प्रदेश के आठ शहरों में रात्रि कर्फ्यू लगा दिया है। लेकिन कर्फ्यू की अवधि रात 11 बजे से सुबह 5 बजे तक रखी है जबकि इस अवधि में पहले से ही सभी अपने-अपने घरों में सोए होते हैं। ऐसे में रात्रि कर्फ्यू के औचित्य पर सवाल उठने लाजिमी है।
प्रदेश में एक बार फिर कोरोना कहर बरपाने लगा है, दूसरी ओर सरकार सभी कामों में ढील देती जा रही है। स्कूलों में पढ़ाई और परीक्षा की तैयारी हो रही है। गांवों में जनसुनवाई होने लगी हैं। शहरी निकायों से लेकर पंचायतराज के चुनाव करा लिए गए। विधानसभा उप चुनाव हो रहे हैं। मन्दिरों में मेले भर रहे हैं। बाजारों में रात 11 बजे तक लोग चाट-पकौड़ी का लुत्फ ले रहे हैं। शहरों में सिटी बस, टैम्पो आदि खचाखच भरकर दौड़ रहे हैं।
इसी बीच रात्रि कर्फ्यू को रात्रि कर्फ्यू की याद आई और इसे लागू कर दिया। सरकार के आदेशानुसार जयपुर, अजमेर, भीलवाड़ा, जोधपुर, कोटा, उदयपुर, सागवाड़ा और कुशलगढ़ में नाइट कर्फ्यू, रात 11 बजे से सुबह 5 बजे तक कर्फ्यू रहेगा।
सवाल यह है कि क्या कोरोना रात 11 बजे बाद ही एक्टिव होता है ? जब रात में लोग घरों में सो रहे होते हैं, तब रात्रि कर्फ्यू लगाने की जरूरत क्यों?
अगर संक्रमण रोकना ही है तो बाजारों में भीड़ रोकनी होगी। इसके लिए शाम 6 बजे से ही कर्फ्यू लगाना उचित होगा। बाजारों को भी अल्टरनेटिव मोड पर खोलना होगा। धारा 144 की सख्ती से पालना करानी होगी। कोविड सेम्पलिंग और टीकाकरण में तेजी लानी होगी।