उत्तरकाशी। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में आज भी कई गांव ऐसे है, जहां पर आजादी के इतने सालों बाद भी लोग विकास कोसों दूर हैं। सड़क के अभाव में एक 20 वर्षीय युवती को उसके परिजन कंधे पर लादकर 7 किलोमीटर तक लाए। इसके बावजूद भी समय पर अस्पताल न पहुंच पाने के कारण इलाज के अभाव में लड़की ने दम तोड़ दिया।
दरअसल, 20 वर्षीय कंचन की कुछ दिन पहले गले और पेट में दर्द की शिकायत होने लगी। घर पर ही उसका इलाज चल रहा था। इसी बीच तबीयत बिगड़ने पर उसे गांव वालों की मदद से डंडी कंडी में बिठाकर 10 किलोमीटर की दूरी उफनती नदी नालों के बीच पैदल ही तय कर मुख्य सड़क मार्ग तक पहुंचाया गया, जहां से लगभग 20 किमी. दूर बड़कोट सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया। अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
बता दें कि 21वीं सदी के भारत की असली तस्वीर आज भी सर बड़ीयाड क्षेत्र के 8 गांव की है। इन गांव में जाने के लिए न सड़क की सुविधा है न ही संचार व्यवस्था। अस्पताल तो मानो सपनों जैसा है। इन 8 गांव के लिए सरकार ने एक आयुर्वेदिक अस्पताल तो खोला है, जिसमें डॉक्टर की कोई व्यवस्था नहीं है।