इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पेशावर न्यायिक परिसर में अहमदी समुदाय से ताल्लुक रखने वाले एक वृद्ध आरोपी की सुनवाई के दौरान कोर्ट परिसर में ही गोली मार कर सरेआम हत्या कर दी गयी।
आरोपी को दरअसल सुनवाई के लिए अदालत लाया गया था, जहां उसकी हत्या कर दी गयी। अदालत परिसर में एक प्रत्यक्षदर्शी वकील ने पुष्टि की कि आरोपी को पेशावर केंद्रीय जेल से पाकिस्तान ईशनिंदा कानून के आरोप में सुनवाई के लिए अदालत लाया गया था।
प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि आरोपी अहमदी की गोली मारने वाला बंदा और कोई नहीं बल्कि खुद शिकायतकर्ता ही था जिसने कोर्ट परिसर में आरोपी को अहमदी बोलते हुए गोली मार दी। पाकिस्तान के संविधान के अनुसार अहमदिया समुदाय के लोगों को मुसलमान नहीं माना जाता है।
कोर्ट परिसर में हत्या की इस घटना से सुरक्षा पर भी बड़े सवाल उठ गए हैं क्योंकि यह उच्च सुरक्षा वाला क्षेत्र है, यहां पेशावर उच्च कोर्ट के अलावा मुख्यमंत्री सचिवालय, प्रांतीय विधानसभा भवन और गवर्नर हाउस भी है।
डॉन के अनुसार पेशावर शहर पुलिस अधिकारी (सीसीपीओ) मोहम्मद अली गंदापुर और उपयुक्त ने कहा कि गोली मारने वाले व्यक्ति को घटनास्थल पर से ही गिरफ्तार कर लिया गया और मामले की जांच की जा रही है। गोली चलाने के खिलाफ पूर्व-निर्धारित हत्या के लिए सजा धारा 302, आतंकवाद विरोधी अधिनियम की धरा सात और शस्त्र अधिनियम की धारा 15 के तहत प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है।