नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने कोरोना महामारी के कारण इस साल वार्षिक अमरनाथ यात्रा पर रोक लगाने संबंधी याचिका की सुनवाई से इनकार कर दिया।
न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा और न्यायमूर्ति केएम जोसेफ की खंडपीठ ने अमरनाथ बर्फानी लंगर ऑर्गेनाइजेशन एवं अन्य की याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी कि यात्रा का आयोजन और उसके दौरान स्वास्थ्य के लिए बरती जाने वाली सावधानियों पर फैसला लेना सरकार का काम है। ऐसा करते वक्त सभी दिशानिर्देशों का पालन हो। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि हम जिला प्रशासन के काम में दखल नहीं दे सकते।
शीर्ष अदालत ने कहा कि जम्मू कश्मीर अब केंद्र शासित प्रदेश बन चुका है, जहां कोरोना को लेकर केंद्र सरकार के दिशानिर्देश लागू होते हैं, इसलिए इस मामले में उसका दखल देना उचित नहीं होगा। ऑर्गेनाइजेशन ने वकील अमित पाल के जरिये याचिका दायर करके यात्रा पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश देने की मांग की थी।
याचिकाकर्ता का कहना था कि अमरनाथ यात्रा में प्रतिवर्ष कम से कम 10 लाख लोग शामिल होते हैं और इनके बीच इस बार कोरोना संक्रमण का खतरा अधिक बना रहेगा। ऐसी स्थिति में यात्रा पर रोक लगाने का निर्देश दिया जाना चाहिए। याचिकाकर्ता ने बर्फानी बाबा अमरनाथ के दर्शन इंटरनेट और टीवी पर लाइव दिखाने की मांग की थी।