मुंबई। जालना से औरंगाबाद के बीच शुक्रवार सुबह रेल पटरियों का मंजर डरानेवाला था। पटरी पर हर तरफ लाशें पड़ी थीं। पटरी पर ही इन लोगों का सामान और रोटियां बिखरी थीं जो ये लोग सफर के लिए लाए होंगे। यह सफर तो जिंदगी का था लेकिन मन्जिल मौत पर आकर ठहर गई। आज सुबह मालगाड़ी की चपेट में आकर 16 मजदूर कट गए। ये मजदूर मध्यप्रदेश के थे जो लॉक डाउन के कारण औरंगाबाद से अपने घर पैदल ही लौट रहे थे।
पटरी पर सोए और फिर नहीं जगे
लॉकडाउन के चलते ये सभी मजदूर अपने घर जाने के लिए पटरी के सहारे 40 किलोमीटर चलकर आए थे। थकान ज्यादा हुई तो पटरी पर ही सो गए। उन्होंने सोचा कि इन दिनों ट्रेनें नहीं चल रही हैं। लिहाजा वे पटरी पर ही बिस्तर लगाकर सो गए।
वे गहरी नींद में थे कि अचानक एक मालगाड़ी आ गई। मालगाड़ी के चालक ने पटरी पर मजदूरों को सोते देखकर गाड़ी रोकने की कोशिश की लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। ट्रेन रुकते-रुकते भी 16 मजदूरों को लील गई।
ये मजदूर महाराष्ट्र की एक स्टील फैक्ट्री में काम करते थे। लॉकडाउन की वजह से काम बंद था। इस पर वे मध्यप्रदेश अपने घर के लिए पैदल ही निकल पड़े। मध्य प्रदेश के लिए औरंगाबाद से ट्रेन चलने की सूचना पर ये लोग पटरी के सहारे औरंगाबाद रेलवे स्टेशन की ओर जा रहे थे।
जालना से 60 किलोमीटर दूर स्थित औरंगाबाद पैदल जा रहे थे। रास्ते में पटरी पर सोए और वही कट गए। हादसे के बाद रेलवे ने जांच के आदेश दे दिए हैं। मौके पर राहत एवं बचाव दल पहुंच चुके हैं