जशपुरनगर। सुनो..सुनो…सुनो…भाईजी..विश्वभर में एक ऐसी बीमारी फैल रही है जिसकी दवा नहीं निकली है। हजारों लोग इस बीमारी से मर चुके हैं। छत्तीसगढ़ में भी यह बीमारी आ गई है इसलिए सभी लोग सतर्क रहें। बाजार ना लगाएं और एक जगह पर चार से ज्यादा लोग ना जुटें।
जिले के तपकरा ग्राम पंचायत में शुक्रवार को रियासत कालीन नगाड़ा बजा तो लोगों की धड़कनें तेज हो गई। वहां नगाड़ा बजाकर आपातकाल की मुनादी की गई। इसमें लोगों से साप्ताहिक बाजार ना लगाने और भीड़ ना जुटाने की अपील की गई। खास बात यह है कि इस नगाड़े से रियासतकाल के वक्त राजा का संदेश देने के लिए मुनादी की जाती थी।
दरअसल, कोरोनावायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए छत्तीसगढ़ में हाईअलर्ट है। ऐसे में जशपुर के गांव में भी वायरस से सतर्कता को लेकर सभी इंतजाम किए जा रहे हैं।
कोरोनावायरस के संक्रमण को रोकने के लिए राज्य सरकार ने प्रदेश में धारा-144 लागू करने साथ ही जरूरी चीजों को छोड़कर अन्य की बिक्री के लिए बाजार बंद कर दिए गए हैं। ऐसे में छत्तीसगढ़ में जशपुर के गांव में मुनादी कराई जा रही है।
पूर्व में तपकरा गांव जशपुर रियासत में आता था। जब राजा कर संबंधी या युद्ध संबंधी कोई आदेश जारी करते थे, तब नगाड़ा बजाकर संदेश सुनाया जाता था।
गांव के बुजुर्ग बैशाखू का कहना है उस जमाने में जब यह नगाड़ा बजता था तब लोगों के दिल की धड़कनें तेज हो जाती थी। लोग सारा कामकाज छोड़कर नगाड़े की आवाज सुनकर दौड़ते हुए संदेश सुनने के लिए जुट जाया करते थे। समय के साथ नगाड़े का चलन बंद हो गया था। कोई भी एनाउंसमेंट लाउड स्पीकर से किया जाने लगा। पर शुक्रवार को जमाने बाद नगाड़ा बजा तो यह सतर्क करने वाला था।