जयपुर। प्रदेशभर में मंगलवार को दूसरे दिन भी स्टाम्प विक्रेता हड़ताल पर रहे और जिला मुख्यालयों पर विरोध-प्रदर्शन किया। वे शेट्टी कमीशन की सिफारिशें लागू कराने की सरकार से मांग कर रहे हैं। न्यायिक कर्मियों ने हड़ताल का समर्थन किया है। इस कारण प्रदेश भर में मंगलवार को भी न्यायिक कामकाज पर व्यापक असर पड़ा और लोग न्यायालयों, जिला कलेक्ट्रेट में भटकते दिखाई दिए।
प्रदेश में करीब बीस हजार से अधिक स्टांप वेण्डर्स हड़ताल पर हैं। इसके चलते स्टाम्प, अदालती फॉर्म, पाई पेपर व टिकटों का विक्रय नहीं हो पा रहा है और कामकाज ठप है। स्टाम्प विक्रेता राजस्थान स्टाम्प अधिनियम 2014 के नियम 23 में परिवर्तन को लेकर जिलाधीश कार्यालयों पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।
बार एसोसिएशनों ने भी हड़ताल का समर्थन किया है। राजस्थान लाइसेंस्ड स्टाम्प वेण्डर्स एसोसिएशन के प्रदेश महामंत्री महेश झालाणी ने बताया कि गत वर्ष आंदोलन के बाद सरकार ने ब्रिकी सीमा 50 हजार से बढ़ाकर पूर्ववत तीन लाख रुपए तक करने की वित्त विभाग को अनुशंसा की थी। इसी वजह से हमने आंदोलन को खत्म कर दिया था, लेकिन अब विरोध तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार हमारी मांगे नहीं मान लेती।