राजू:- गुरुजी नमस्ते। पहचाना ? मैं आपका शिष्य पप्पू
बोल रहा हूं…
गुरुजी:- अरे तुम, इतने सालों बाद याद आई मेरी! मेरा
फोन नंबर कहां ले मिला वैसे ??
राजू:- गुरुजी, फोन नंबर ढूंढना कौन-सा मुश्किल
काम है! जब प्यासे को प्यास लगती है, तो दरिया
ढूंढ ही निकालता है। दरअसल गुरु जी, मैंने एक नया
रोजगार शुरू किया है। आपने बचपन में कहा था कि
जब भी कोई काम शुरू करो, मुझसे उद्घाटन जरूर
कराना।
तो हम अपने काम का उद्घाटन आपसे ही कराना
चाहते हैं।
गुरुजी:- अतिसुन्दर! बताओ, कहां आना है उद्घाटन
करने के लिए ?
राजू:- आप अंधेर गली के पुराने खंडहर के पास दस
लाख रुपए लेकर पहुंच जाइए। आपका मुन्ना हमारे कब्जे
में है।
आज से ही किडनैपिंग का धंधा शुरू किया है, तो
सोचा कि उद्घाटन आपके शुभ हाथों से ही हो…!!!
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संता:- मेरे पास चार ईंटें थीं। मैं हेलिकॉप्टर से जा
रहा था, तो मैंने एक ईंट नीचे फेंक दी। अब मेरे पास
कितनी ईंटें बचीं ?
बंता: तीन ।
संता:- तीन स्टेप्स में बता – हाथी को फ्रिज में कैसे
रखेंगे ?
बंता:- सबसे पहले फ्रिज खोलेंगे, फिर हाथी को उसमें
रखेंगे और फिर फ्रिज बंद कर देंगे।
संता:- अब चार स्टेप्स में बता- हिरण को फ्रिज में
कैसे रखेंगे ?
बंता:- सबसे पहले फ्रिज खोलेंगे। उसमें से हाथी को
बाहर निकालेंगे और फिर हिरण को अंदर रख देंगे।
इसके बाद फ्रिज बंद कर देंगे।
संता:- आज जंगल में शेर का जन्मदिन मनाया जा
रहा है। वहां एक को छोड़ कर बाकी सभी जानवर
मौजूद हैं। बता कौन गैरमौजूद है ?
बंता:- हिरण। क्योंकि वह फ्रिज में बंद है।
संता:- बता, एक बूढ़ी औरत मगरमच्छों के तालाब को
कैसे पार करेगी ?
बंता:- बड़ी आसानी से। सारे मगरमच्छ तो शेर के
जन्मदिन की पार्टी में गए हुए हैं !
संता:- आखिरी सवाल। वह बूढी औरत तालाब पार
करते हुए मर गई। ऐसा कैसे हुआ ?
बंता:- तालाब में फिसल गई होगी…
संता:- अबे गधे, उसके सिर पर ईंट गिर गई थी, जो मैंने
हेलिकॉप्टर से नीचे फेंक दी थी…!!!