टोक्यो। जापान में 60 साल के सबसे शक्तिशाली तूफान हेगिबिस ने कहर बरसाया है। राजधानी टोक्यो के क्षेत्रों में सर्वोच्च स्तर की चेतावनी जारी की गई है। तूफान के आने के बाद देश के बड़े हिस्से में ‘बेतहाशा’ बारिश हुई, जिससे बाढ़ आ गई और भूस्खलन की कई घटनाएं हुईं। रिपोर्ट के मुताबिक, इस आंधी-तूफान में कम-से-कम 11 लोगों की मौत हो गई, 17 लोग लापता और 100 से अधिक लोग घायल हो गए लगभग 73 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भी ले जाया गया है व 17 लोग लापता हैं।
तूफान के टकराने से ठीक पहले चिबा में 5.7 तीव्रता के भूकंप का झटका भी महसूस किया गया। चूंकि इसका केंद्र जमीन में काफी गहराई में था इसलिए कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है। कई जगह भूस्खलन हुए हैं। मौसम विशेषज्ञों ने इस तूफान को बीते छह दशकों का सबसे भीषण तूफान बताया है। इससे पहले साल 1958 में कानगवा तूफान आया था जिसमें एक हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे। एजेंसियों की रिपोर्ट के मुताबिक, तूफान के चलते प्रभावित क्षेत्रों में 225 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं।
हगिबिस से प्रभावित होने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है। हगिबिस का अर्थ है ‘‘गति”। अधिकारियों ने चेतावनी दी कि भूस्खलन का खतरा अभी भी बना हुआ है। तोक्यो क्षेत्र में ट्रेन सेवाएं, जिनमें से अधिकांश रुकी हुई थीं, सुबह फिर से शुरू हो गई, हालांकि अन्य की सुरक्षा जांच चल रही थी और उनके दिन में बाद में शुरू होने की उम्मीद है। सरकारी आदेशों के तहत लगभग 17,000 पुलिस कर्मी और सैनिक बचाव कार्यों में लगाया गया है। सैनिक हेलीकॉप्टर से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रहे हैं। नागानो शहर के आपातकालीन सेवा के एक अधिकारी यासुहिरो यामागुची ने एएफपी को बताया, ‘‘रातभर में हमने 427 घरों को खाली कराने और 1,417 लोगों को निकलने के आदेश जारी किए।”