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VIDEO : त्रिवेणी घाट की गंगा आरती कर देगी आपके तन-मन को सम्मोहित

ऋषिकेश। हरिद्वार से 25 किलोमीटर दूर स्थित ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट पर रोज शाम होने वाली गंगा आरती आपके तन-मन को सम्मोहित कर देती है।

हिमालय की पहाड़ियों और उनके मध्य से निकलती मोक्षदायनी माँ गंगा की अविरल जल धारा का ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट में अदभुत दृश्य को देखने को मिलता है।

गंगा में स्नान के बाद आप अपनी थकान भूल जाते हैं। दिन ढलते ही घाट पर अध्यात्म का चंदा अपनी आभा बिखेरने लगता है। कोई गंगा तट पर स्वर संगीत साधना में खोया दिखता है तो कोई ध्यान साधना में। कोई घाट पर सैर का लुत्फ उठाता है तो कोई भजन श्रवण का। देखते ही देखते चाय-भेलपुरी, पानी पूरी, खिलौने, गुब्बारे आदि का बाजार सज जाता है। 
इसके बाद शुरू होती है गंगा आरती, जिसमें हर श्रद्धालु भागीदार बनता है। सैकड़ो आरती थाल तैयार होते हैं। हजारों हाथ आरती का थाल लिए माँ गंगा की स्तुति में जुट जाते हैं।

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माँ गंगा आरती का आलोकिक दृश्य किसी के भी मन को लुभा सकता है। त्रिवेणी घाट ऋषिकेश मे श्री गंगा सभा द्वारा आयोजित माँ गंगा की संगीतमय संध्याकालीन आरती का दृश्य देखते ही बनता हैं।

गंगा आरती का ये दृश्य इतना मनमोहक होता है कि देशी ही नहीं विदेशी भक्त भी खासतौर पर यहां आरती में शामिल होने के लिए पहुंचते हैं। नदी पर निर्मित शिव मूर्ति के समीप गंगा के किनारे आरती होती है। प्राकर्तिक वातावरण में संध्याकालीन आरती पुरे वातावरण को आध्यात्मिक बनाने के लिए काफी होती है।

पूरा आयोजन श्री गंगा सभा, त्रिवेणी घाट ऋषिकेश के द्वारा आयोजित किया जाता है। आरती से पूर्व भजन संध्या का आयोजन किया जाता है। शाम को होने वाली गंगा आरती की परंपरा भी पुरातन बताई जाती है।

विद्वानों ने गंगा आरती का अति महत्व बताया है। कहते हैं कि मां गंगा का पूजन करने से जीवन के अनेक कष्टों से मुक्ति मिलती है। मां गंगा अपने भक्तों को सुखद जीवन का वरदान देती हैं। एक बार आप सभी ऋषिकेश में त्रिवेणी घाट आकर संगीतमय और मनमोहक माँ गंगा आरती का आनंद लेने आएं। जय माँ गंगे हर हर गंगे ।

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