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चिदम्बरम की गिरफ्तारी पर हाई वोल्टेज ड्रामा, सियासत गरमाई

 

नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदम्बरम और केंद्रीय जांच ब्यूरो के बीच मंगलवार से चल रही लुकाछिपी आज रात समाप्त हो गई और जांच एजेंसी की टीम करीब दो घंटे की जद्दोजहद के बाद उन्हें हिरासत में लेकर अपने साथ मुख्यालय ले गई।

सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय की गिरफ्तारी से मंगलवार से बच रहे चिदम्बरम आज रात अचानक कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे और संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि आईएनएक्स मीडिया निवेश मामले में उनके या उनके परिवार के किसी अन्य सदस्य के खिलाफ कोई आरोप पत्र दायर नहीं है।

इसके बाद वह सीधे अपने आवास पर गए, जिसके पश्चात् सीबीआई अधिकारियों की एक टीम वहां पहुंच गई। आवास के गेट बंद होने के कारण सीबीआई के अधिकारी दीवार फांदकर अंदर गए। पुलिस की एक टीम पिछले दरवाजे से घर के अंदर गई। बाद में आवास का गेट खोल दिया गया।

करीब दो घंटे की जद्दोजहद के बाद सीबीआई टीम ने उन्हें हिरासत में ले लिया और अपने साथ जांच एजेंसी के मुख्यालय ले गई। इस दौरान उनके आवास पर कांग्रेस के नेता एवं वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी भी मौजूद थे।

सीबीआई मुख्यालय लाए जाने के तुरंत बाद चिदम्बरम से पूछताछ शुरू कर दी गई, जिसे रिकॉर्ड भी किया जा रहा है। सीबीआई टीम के चिदम्बरम के आवास पर पहुंचते ही कांग्रेस के कुछ कार्यकर्ता बाहर जमा हो गए थे और उनके समर्थन में नारेबाजी कर रहे थे।

बाद में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता भी वहां पहुंच गए और उनके खिलाफ नारेबाजी करते हुए उनकी जल्द गिरफ्तारी की मांग की। इसी बीच स्थिति को भांपते हुए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की एक टुकड़ी वहां तैनात कर दी गई।

पूर्व केंद्रीय मंत्री को जब सीबीआई की टीम अपने वाहन में ले जा रही थी तो कांग्रेस के कुछ कार्यकर्ता उसके आगे खड़े हो गए और वाहन पर चढ़ भी गए। सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें वहां से हटाया।

पूर्व वित्त मंत्री को सीबीआई मुख्यालय लाए जाने से पहले जांच एजेंसी के निदेशक ऋषि कुमार शुक्ला तथा कुछ अन्य वरिष्ठ अधिकारी मुख्यालय पहुंच गए थे।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने कल उनकी अग्रिम जमानतयाचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद सीबीआई और ईडी की टीमें उनके आवास पर शाम को पहुंची थीं, लेकिन वह वहां नहीं मिले थे और उनका कुछ अता-पता नहीं था। उनका मोबाइल बंद था। बाद में ईडी ने उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी किया।

इसके बाद आज रात आठ बजे के करीब उन्होंने अचानक कांग्रेस मुख्यालय पहुंचकर संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित किया। इससे पहले आज दिन में उनके वकीलों ने उच्चतम न्यायालय में मामले का विशेष उल्लेख करने का प्रयास किया, लेकिन उन्हें विफलता हाथ लगी थी। अब उनकी याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हो सकती है।

चिदंबरम ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पिछले 24 घंटे में बहुत कुछ घटित हुआ है और चिंता एवं असमंजस की स्थिति बनी हुई है। ऐसा जताया जा रहा है कि वह कानून से भाग रहे हैं जबकि इसके उलट वह कानून से संरक्षण मांग रहे हैं। उन्होंने कहा कि आजादी और जीवन में से मैं बेहिचक आजादी को चुनूंगा।

पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि उनके खिलाफ झूठ फैलाया जा रहा है। आईएनएक्स मीडिया मामले में न तो वह और न ही उनके परिवार का कोई सदस्य अभियुक्त है और न ही उनके खिलाफ कोई आरोप पत्र दायर किया गया है। उन्होंने कहा कि जब-जब सीबीआई और ईडी ने उन्हें बुलाया तो उनके सामने वह पेश हुए।

उन्हें 13-14 महीने तक दिल्ली उच्च न्यायालय से अंतरिम राहत मिली और आखिरी बार जनवरी 2019 में सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया गया था। इसके बाद न्यायालय ने सात माह बाद कल उनके आवेदन को खारिज कर दिया।

उन्होंने कहा कि वह अपने वकीलों के साथ कल से उच्चतम न्यायालय में अपील के लिए कागजात तैयार कर रहे थे। आज अपने वकीलों के साथ न्यायालय से संरक्षण मांग रहा था। उनके वकीलों ने उन्हें बताया कि मामला शुक्रवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध होगा।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि मैं उच्चतम न्यायालय के आदेश और कानून का सम्मान करता हूं और आशा करता हूं कि कानून पालन कराने वाली एजेंसियों भी कानून का आदर करेंगी। मैं न्यायाधीशों के विवेक पर भी विश्वास करता हूं।

इसके बाद संवाददाताओं के किसी सवाल का जवाब दिए बिना वह वहां से अपने आवास पर चले गए। संवाददाता सम्मेलन में उनके साथ वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी, विवेक तनखा, पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद मौजूद थे।

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