अजमेर। राजस्थान में अजमेर के विश्व प्रसिद्ध सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह के सज्जादानशीन दीवान जैनुअल आबेदीन को पाकिस्तान से धमकी भरे वॉट्सऐप मिल रहे हैं।
दीवान ने आज बताया कि इन धमकियों में उन्हें आरएसएस का एजेंट और विश्व हिंदू परिषद के मुद्दे को समर्थन देने वाला बताते हुए कहा गया है कि वह मोदी सरकार के हाथों बिके हुए हैं। यह स्थिति तब पैदा हुई जब दरगाह दीवान ने कश्मीर से धारा 370 व 35A को मोदी सरकार द्वारा समाप्त करने के बाद उसके समर्थन में बयान दिया था।
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दरगाह दीवान ने पांच अगस्त को प्रेस वार्ता में कहा था कि ‘आज का दिन ऐतिहासिक दिन है। यह मसला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खत्म हो गया है और इस कांटे को हमेशा के लिए दूर कर दिया गया है। इसके लिए भारतीय संसद विशेषकर प्रधानमंत्री मोदी तथा गृहमंत्री अमित शाह बधाई के पात्र है। कश्मीर भारत का अभिन्न अंग पहले भी था, आज भी है और आगे भी रहेगा। अब बात पाक अधिकृत कश्मीर पर होनी चाहिए।
उन्होंने जब यह बयान मीडिया में दिया तो यह बात सोशल मीडिया के जरिए पाकिस्तान तक पहुंची। उसके बाद पिछले दो दिनों से पाकिस्तान से वॉट्सऐप के जरिए दरगाह दीवान के बड़े पुत्र के मोबाइल पर धमकी भरे संदेश पहुंच रहे हैं जिसमें अजमेर के दरगाह के लोगों के साथ साथ मुस्लिम अवाम से दरगाह दीवान को ‘लानत’ दिए जाने की बात कही गई है। साथ ही उन्हें मोदी सरकार के हाथों बिकने वाला हिंदू चेहरा भी बताया गया है।
एक समाचार एजेंसी से बातचीत में दरगाह दीवान ने आत्मविश्वास के साथ इन धमकियों को दरकिनार करते हुए कहा कि मैं मौत से नहीं डरता, मैनें जो बयान दिया वह राष्ट्रवाद की भावना से दिया और मैं अपने बयान पर आज भी कायम हूं। उन्होंने कहा कि ख्वाजा गरीब नवाज ने भाईचारे और एकता का संदेश दिया है और इसे कायम रखना हम सबका दायित्व है।
कश्मीर मसले पर भारत-पाकिस्तान के बीच तनातनी चल रही है। दरगाह दीवान को मिल रहे धमकी भरे वॉट्सऐप संदेश पाकिस्तान के नंबरों से आ रहे हैं। इनके जरिए पाकिस्तान में दरगाह दीवान के खिलाफ माहौल बनाया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि दरगाह दीवान ने कश्मीर में अनुच्छेद 370 एवं 35ए को समाप्त करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी एवं गृहमंत्री अमित शाह की तारीफ की थी।