सूरत। गुजरात में सूरत जिले की एक अदालत ने बिहार के मूल निवासी एक युवक को यहां लगभग लगभग नौ माह पहले साढ़े तीन साल की एक बच्ची से दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या करने के आरोप में फांसी की सजा सुनाई।
सरकारी वकील नयन सुखड़वाला ने बताया कि मूल रूप से बिहार के बक्सर जिले के निवासी अनिल यादव (24) ने पिछले साल 14 अक्टूबर को यहां लिंबायत थाना क्षेत्र के घोड़ादरा स्थित अपने आवास के पास रहने वाली तीन साल सात माह की मासूम बच्ची को एकांत में पकड़ कर अपने घर के अंदर छुपा लिया था।
उसने उससे दुष्कर्म के अलावा अप्राकृतिक कृत्य भी किया था और बाद में उसकी हत्या कर शव को एक थैले में रख कर बिहार फरार हो गया था।
अगले दिन यानी 15 अक्टूबर को बच्ची का शव बरामद किया गया। अनिल को चार दिन बाद बिहार से गिरफ्तार कर यहां लाया गया। इस मामले में आरोप गठन इस साल जनवरी के अंतिम सप्ताह में हुआ और उसके बाद मामले की सुनवाई शुरू हुई थी।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (एडीजे) पी एस काला की अदालत ने उसे भारतीय दंड सहिंता की धारा 302 (हत्या), 376एबी (12 साल से कम उम्र की बच्ची से दुष्कर्म के मामले में फांसी तक की सजा का प्रावधान करने वाली नई धारा), 377 (अप्राकृतिक यौनाचार), 366 (महिला का अपहरण) और 201 (सबुत गायब करना) के अलावा पोक्सो अधिनियम की धाराओं के तहत दोषी ठहराते हुए फांसी की सजा सुनाई।