उज्जैन। नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण का उज्जैनी टू उज्जैन पाइप लाइन प्रोजेक्ट पूरा हो गया है। गत दिनों निर्माण एजेंसी ने टेस्टिंग की तो लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई। त्रिवेदी का पानी पाइप लाइन के जरिए शिप्रा नदी में डाला गया।
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त्रिवेणी के पास नागफनी की तरह लगाए गए छह पाइपों से नर्मदा का पानी झरने के रूप में बह कर शिप्रा में मिला तो लोग खुशी से झूम उठे।
एनवीडीए की फाइनल टेस्टिंग हो जाने के बाद पाइप लाइन से हर मिनट 1.20 लाख लीटर पानी शिप्रा में छोड़ा गया। प्रोजेक्ट पूरा होने से उज्जैन में जल संकट की आशंका समाप्त हो गई है।
138 करोड़ रु. के इस प्रोजेक्ट में एनवीडीए ने उज्जैन में स्नान पर्वों और पेयजल के लिए पानी उपलब्ध कराने के लिए जून 2018 में इंदौर जिले के उज्जैनी स्थित नर्मदा-शिप्रा लिंक से उज्जैन के त्रिवेणी संगम तक 65 किमी लंबी 1325 एमएम की नई पाइप लाइन डाली है। शहर में नर्मदा का पानी मिलने का एक और स्रोत मिल गया है। इसके अलावा उज्जैन के लिए देवास के शिप्रा डेम से भी पानी छोड़ा गया।
छह पाइपों से नर्मदा का पानी जब बह निकला तो उसके नीचे झरना बन गया, वहां जुटे आसपास के लोग इस झरने का आनंद लेने लगे। पीएचई अफसरों के अनुसार शहर में एक समय की सप्लाई में 9 करोड़ लीटर पानी लगता है। नई पाइप लाइन से 12 घंटे में 8.42 करोड़ लीटर पानी मिल सकता है। इस पाइप लाइन से ही शहर की जल आपूर्ति हो सकती है।