सिओल। किसी भी महिला के गर्भवती हो जाने के बाद उसे अध्ययन से दूर कर देने वाले कानून को दक्षिण कोरिया बदल दिया है। उसने शिक्षा के अधिकार से वंचित कर देने वाले इस कानून को नकारते हुए अपने शिक्षा कानून में आमूलचूक परिवर्तन कर दिया।
दक्षिण कोरिया में अब सभी अंडरग्रेजुएट छात्राओं को शादी करने या गर्भवती होने के बाद सेमेस्टर से ब्रेक लेकर दुबारा पढ़ाई जारी रखने की अनुमति शिक्षा मंत्रालय ने दे दी है। नए कानून में सभी छात्राएं अपने बच्चे के लालन-पालन के लिए सेमेस्टर ब्रेक ले सकती हैं।
उल्लेखनीय है कि अभी तक दक्षिण कोरिया में शिक्षा के तहत महाविद्यालयीन और विश्वविद्यालयीन छात्राओं के लिए यही नियम थे कि उनके शादी और गर्भवती होने पर प्राय: हर विश्वविद्यालय उन्हें बर्खास्त कर देता था। इसी कारण कई छात्राएं यहां गर्भवती हो जाने के बाद भी अपनी सही स्थिति को बताने से परहेज करती थी। उसके लिए वे किसी गलत रास्ता चुनने तक के लिए भी मजबूर हो जाती थी।
कई महिलाओं को तो न चाहते हुए अवॉर्शन तक कराना पड़ते थे। इसी प्रकार शादी की बात छिपाकर रखना भी कईयों की मजबूरी बन गई थी। ऐसे में यहां छात्राओं और तमाम स्वयंसेवी संगठन यह मांग कर रहे थे कि यह नियम यहां की शिक्षा व्यवस्था से हटना चाहिए।