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ग्रीन टी पीना बेहद फायदेमंद, इन बीमारियों में मिलती है राहत

न्यूज नजर : बात फिटनेस और स्वास्थ्य की आती है तो ग्रीन-टी का नाम जरूर आता है। आजकल हर कोई ग्रीन-टी का सेवन करता है, क्योंकि इसके सेवन से अनेक लाभ होते हैं। इस लेख के ज़रिए हम आपको ग्रीन-टी के फायदे और पीने के सही समय के बारे में पूरी जानकारी देंगे।

ग्रीन-टी के पौष्टिक तत्व –
ग्रीन-टी पौष्टिक तत्वों का ख़ज़ाना है। इसमें कई ऐसे पौष्टिक तत्व हैं, जिनके बारे में आपको शायद ही होगा। बिना चीनी के ग्रीन-टी में बिल्कुल कैलोरी नहीं होती है। ग्रीन-टी में फ्लेवेनॉल और कैटेकिन मौजूद होता है, जो एक तरह का पॉलीफेनोल (पोषक तत्व) होता है, इसके कई फायदे हैं।

इनके अलावा, ग्रीन-टी में सबसे शक्तिशाली यौगिक ईजीसीजी (EGCG) मौजूद है, जिसे एपीगैलोकैटेकिन-3-गैलेट (epigallocatechin-3-gallate) के नाम से भी जाना जाता है। इसके कई लाभ है और उनमें से एक है शरीर में मेटाबॉलिक दर का बढ़ना और वज़न नियंत्रित रहना।

 

अन्य महत्वपूर्ण यौगिक जो ग्रीन-टी में शामिल हैं, जो इस प्रकार हैं:

  • एमिनो एसिड व एंजाइम
  • कार्बोहाइड्रेट
  • मैग्नीशियम, कैल्शियम, मैंगनीज, लौह, क्रोमियम, तांबा व जिंक जैसे खनिजों की मात्रा
  • विटामिन-बी 6
  • विटामिन-सी
  • प्रोटीन
  • थियनाइन
  • एमिनो एसिड

ग्रीन-टी के फायदे –

जब भी ग्रीन-टी का नाम लिया जाता है, तो सबसे पहले फिटनेस की बात आती है, लेकिन ग्रीन-टी के इसके अलावा भी कई फायदे हैं। ग्रीन-टी में मौजूद पोषक तत्व स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं। सेहत से जुड़े ग्रीन-टी के फायदों की लिस्ट हम आपको नीचे बता रहे हैं।

1. वज़न कम करने के लिए ग्रीन-टी मददगार है

ग्रीन-टी वज़न कम करने के लिए फायदेमंद होती है। इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट, मेटाबॉलिज़्म को बढाकर वज़न कम करने में मदद करता है। इसमें मौजूद सक्रिय यौगिक, फैट बर्निंग हॉर्मोन को प्रभावित करते हैं। यहां तक कि व्यायाम के दौरान भी ग्रीन-टी फैट को कम करता है। यूके में हुए एक अध्ययन में पाया गया है कि ग्रीन-टी पीने से मध्यम तीव्रता के व्यायाम से फैट ऑक्सीडेशन बढ़ता है और मोटापे से बचाता है। वहीं, इंसुलिन संवेदनशीलता में भी सुधार लाता है। ग्रीन-टी में मौजूद ईजीसीजी (EGCG) जादू का काम करता है। ग्रीन-टी से आपका मेटाबॉलिक रेट दर बढ़ सकता है और हर समय आपकी थोड़ी न थोड़ी कैलोरी कम होती है।

2. मुंह के लिए ग्रीन-टी

अध्ययनों के अनुसार, जो लोग हरी चाय यानी ग्रीन-टी का सेवन करते हैं, उनके मुंह में किसी प्रकार का संक्रमण नहीं होता। एक भारतीय अध्ययन में बताया गया है कि किस प्रकार ग्रीन-टी, पेरियोडोंटल (एक प्रकार की मंसूड़ों की बीमारी) में वरदान है। ग्रीन-टी, बैक्टीरियल प्लाक (दांतों की मैल) को नियंत्रित कर दांतों को खराब होने से बचाती है। ग्रीन-टी में मौजूद पॉलीफेनोल्स, ग्लोक्सीलट्रांसफरेस (एक तरह का बैक्टीरिया, जो चीनी खाने से मुंह में पैदा होता है) का अंत करके प्लाक से लड़ता है। हरी चाय में फ्लोराइड भी होता है, जो दांतों को खराब होने से बचाता है। यह चाय स्ट्रेप्टोकोकस म्यूटन्स (Streptococcus mutans) नामक बैक्टीरिया से भी लड़ती है, जो आमतौर पर दांतों में पाए जाते हैं।

3. डायबिटीज़ के लिए ग्रीन-टी

ग्रीन-टी शरीर की कोशिकाओं को संवेदनशील कर सकती है, ताकि वो चीनी को अच्छे से हजम कर सकें और मधुमेह के प्रभाव को कम कर सकें। इस तरह से कह सकते हैं कि ग्रीन-टी से डायबिटीज़ का खतरा कम हो सकता है, क्योंकि इसमें मौजूद पॉलीफेनोल्स (polyphenols) शरीर में ग्लूकोज के स्तर को संतुलित करते हैं।

एक अध्ययन के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति पूरे दिन में छह या उससे अधिक कप ग्रीन-टी का सेवन करे, तो टाइप-2 डायबिटीज़ का ख़तरा कुछ प्रतिशत तक कम हो सकता है। हालांकि, इस बारे में अपने डॉक्टर से सलाह लेना भी ज़रूरी है, क्योंकि एक दिन में 6 कप ग्रीन-टी पीना स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है।

ग्रीन-टी, एंजाइम गतिविधि को रोकता है, जिससे रक्त प्रवाह में अवशोषित चीनी की मात्रा कम हो जाती है। ग्रीन-टी खासकर के टाइप-2 डायबिटीज़ में ज़्यादा फायदेमंद है, क्योंकि इसमें एंटी-डायबिटिक गुण मौजूद हैं।

4. कोलेस्ट्रॉल के लिए ग्रीन-टी

हार्वर्ड मेडिकल स्कूल की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्रीन-टी दिल की बीमारी से रक्षा कर सकता है। ग्रीन-टी हानिकारक कोलेस्ट्रॉल, जिससे ह्रदय रोग होने की आशंका बढ़ती है, उसके स्तर को कम कर सकती है। अधिकांश अध्ययन ग्रीन-टी कैप्सूल के उपयोग पर किए गए हैं, लेकिन चाय भी यह काम बखूबी कर सकती है।

5. रोगप्रतिरोधक क्षमता में बढ़ावा

ग्रीन-टी में मौजूद कैटेकिन (catechins) रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मुख्य भूमिका निभाता है। चाय इम्युनिटी को बढ़ाकर ऑक्सीडेंट्स के खिलाफ सुरक्षा करती है। ग्रीन-टी में ईजीसीजी रेगुलेटरी मौजूद होता है, जो टी सेल्स को बढ़ाता है और आपके इम्यून फंक्शन को नियंत्रित कर ऑटोम्यून्यून रोगों को बढ़ने से रोकता है।

6. पाचन के लिए ग्रीन-टी

ग्रीन-टी में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट पाचन क्रिया को सुधरता है। ग्रीन-टी में मौजूद कैटेकिन पाचन एंजाइम की क्रिया को धीमा करता है। इसका मतलब है कि आंत सारे कैलोरी को अवशोषित नहीं करती, जिससे वज़न कम करने में मदद मिलती है। ग्रीन-टी में ईजीसीजी (EGCG) होता है, जो कोलाइटिस के लक्षणों में सुधार करता है। कोलाइटिस एक प्रकार की सूजन होती है, जिससे पाचन क्रिया प्रभावित होती है। ग्रीन-टी में विटामिन-बी, सी और ई भी होता है, जो पाचन के लिए महत्वपूर्ण हैं। ग्रीन-टी गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर (gastrointestinal cancers) दर को भी कम करता है।

7. कैंसर से बचाती है ग्रीन-टी

नेशनल कैंसर इंस्टिट्यूट के मुताबिक, पॉलीफेनोल (विशेष रूप से कैटेकिन) चाय के एंटी-कैंसर गुणों के लिए ज़िम्मेदार हैं। इनमें से सबसे भरोसेमंद ईजीसीजी (epigallocatechin-3-gallate) है। यह, अन्य पॉलीफेनोल के साथ मिलकर मुक्त कणों से लड़ता है और कोशिकाओं को डीएनए क्षति से बचाता है। ग्रीन-टी में मौजूद पॉलीफेनोल (polyphenols) इम्यून सिस्टम की प्रक्रिया को भी ठीक करता है।

एक और अध्ययन के अनुसार, ग्रीन-टी कुछ ख़ास प्रकार के कैंसर (फेफड़े, त्वचा, स्तन, लिवर, पेट और आंत) से हमारी रक्षा करती है। ग्रीन-टी के घटक कैंसर कोशिका के प्रसार को रोकते हैं। ईजीसीजी स्वस्थ कोशिकाओं को प्रभावित किए बगैर कैंसर कोशिकाओं को मारता है। यह कैंसर के इलाज में मददगार साबित हो सकता है, क्योंकि स्वस्थ कोशिकाओं का ख़त्म होना कैंसर के इलाज में रूकावट साबित हो सकता है। कुछ शोध के अनुसार कैंसर के इलाज के समय एक दिन में चार कप ग्रीन-टी पीना लाभकारी साबित हो सकता है, लेकिन ऐसा करने से पहले डॉक्टर से परामर्श लेना ज़रूरी है।

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