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संशोधन में आधार के इस्तेमाल एवं निजता से जुड़े नियमों के उल्लंघन के लिए कड़े दंड का प्रावधान है। अध्यादेश में किसी व्यक्ति द्वारा प्रमाणन के लिये दी गयी जैविक पहचान की सूचनाएं और आधार संख्या का सेवा प्रदाता द्वारा अपने पास जमा रखने को प्रतिबंधित किया गया है।
अध्यादेश के जरिये आधार कानून में यह बदलाव भी किया गया है कि कोई भी बच्चा 18 साल का हो जाने के बाद आधार कार्यक्रम से बाहर निकलने का विकल्प चुन सकता है। अध्यादेश में यह भी सुनिश्चित हो गया है कि बैंक खाता खोलना हो या मोबाइल फोन सिम कार्ड लेना हो, आधार पेश नहीं करने की स्थिति में किसी भी सेवा से उपभोक्ता को इंकार नहीं किया जा सकता है।