नई दिल्ली। पुलवामा में हुए आतंकी हमले में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की भूमिका संदिग्ध है। अमेरिका की जासूसी संस्था सीआईए के पूर्व विश्लेषक और दक्षिण एशिया मामले के विशेषज्ञ ब्रूस रिडेल ने आईएसआई पर सवाल उठाए हैं। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली है लेकिन रिडेल का कहना है कि इस हमले के मास्टरमाइंड को आईएसआई मदद कर रही थी। उन्होंने कहा कि पाक प्रधानमंत्री इमरान के सामने पहली बड़ी चुनौती ये आतंकी संगठन हैं।
दुनियाभर के देशों ने की निंदा
सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले की अमेरिका, रूस और फ्रांस समेत दुनिया के कई देशों ने कड़ी निंदा की है। इन देशों ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में वह भारत के साथ है। अमेरिका ने पाकिस्तान से कहा है कि वह तुरंत सभी आतंकवादी समूहों को समर्थन और सुरक्षित पनाह देना बंद करे।
भारत में अमेरिका के राजदूत केनेथ जस्टर ने ट्वीट किया कि अमेरिका आतंकी हमले की निंदा करता है। हमले में जान गंवाने वाले जवानों के परिजनों के साथ हमारी संवेदनाएं हैं।
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सैंडर्स ने गुरुवार देर रात जारी एक बयान में कहा, ‘‘अमेरिका पाकिस्तान से अपील करता है कि वह अपनी जमीन से आतंकी गतिविधियां चलाने वाले ऐसे सभी आतंकवादी समूहों को समर्थन और सुरक्षित पनाह तुरंत बंद करे जिनका एकमात्र लक्ष्य क्षेत्र में अव्यवस्था, हिंसा और आतंक फैलाना है।’’
उधर, रूस, फ्रांस, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, टर्की, चेक रिपब्लिक के साथ ही पड़ोसी देश नेपाल, बांग्लादेश, भूटान, श्रीलंका और मालदीव ने भी हमले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा कि वह इस हमले से दुखी हैं और उनका देश किसी भी तरह की आतंकी गतिविधि के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर चलेगा। मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम सोहिल ने कहा कि हम हमले की निंदा करते हैं। आतंक के खिलाफ लड़ाई में मालदीव भारत व दुनिया के साथ है।
लेकिन चीन नहीं सुधरा
इस बड़े हमले के बाद भी चीन ने आतंकी मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी मानने से इनकार कर दिया है। दुनिया के इस मोस्ट वांटेड आतंकी के प्रति चीन का यह रुख उसकी नीयत दर्शाता है।