भीलवाड़ा। भीलवाड़ा शहर में स्वाइन फ्लू की रोकथाम के लिए भीलवाड़ा जिले के ख्यातनाम श्रीनवग्रह आश्रम सेवा संस्थान मोतीबोर का खेड़ा की ओर से 29 जनवरी मंगलवार को प्रेस क्लब भीलवाड़ा के तत्वावधान में स्वाईन फ्लू रोधी आयुर्वेद काढ़े का वितरण किया जायेगा।
आश्रम के संस्थापक हंसराज चौधरी ने बताया कि आश्रम के आयुर्वेद चिकित्सक डा. शिवशंकर राड़, डा. प्रदीप कुमार व डा. लोकपाल आर्य की देखरेख में तैयार किये जाने वाले इस स्वाईन फ्लू रोधी आयुर्वेद काढ़े का वितरण प्रेस क्लब भीलवाड़ा के तत्वावधान में सूचना केंद्र भीलवाड़ा के बाहर 29 जनवरी मंगलवार को प्रातः 8 बजे से दोपहर 12 बजे तक सार्वजनिक रूप से वितरण किया जायेगा।
संस्थापक चौधरी ने बताया कि स्वाइन फ्लू रोधी आयुर्वेद काढ़े के सेवन से जुकाम, खांसी, बुखार, खराब गला, नाक बहना व हाथ पैरों में दर्द की शिकायत दूर होगी। आयुर्वेदिक होने से काढे के कोई दुष्परिणाम नहीं हैं। यह काढा व्यक्ति में रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाएगा।
प्रेस क्लब अध्यक्ष सुखपाल जाट व सचिव राजेश मेठानी ने भीलवाड़ा शहर वासियों से स्वाइन फ्लू रोधी आयुर्वेद काढ़े का सेवन करने के लिए अधिकाधिक तादाद में 29 जनवरी मंगलवार को प्रातः सूचना केंद्र चैराहे पर पहुंच कर काढ़े का सेवन करने का आव्हान किया है।
आश्रम के संस्थापक हंसराज चौधरी ने बताया कि स्वाइन फ्लू सांस के जरिए फैलने वाला संक्रमण है। वायरस सबसे पहले सांस की नली पर करता है। गले में दर्द व खराश होने लगती है। संक्रमण से मरीज को तेज बुखार आ जाता है। सिर में दर्द व जुखाम की चपेट में मरीज आ जाते हैं। स्वाइन फ्लू संक्रमण से बचने के लिए काढ़ा सबसे फायदेमंद है। उन्होंने बताया कि तुलसी, इलायची, दालचीनी, पिपली और जराकुश की पत्ती का काढ़ा कारगर हैं। काढ़ा संक्रमण से बचाता है साथ ही प्लेटलेट्स काउंट को दुरुस्त रखता है।
चौधरी ने बताया कि श्रीनवग्रह आश्रम आयुर्वेद के माध्यम से सभी प्रकार के रोगों के उपचार की दवा उपलब्ध कराता है। केंसर, मिर्गी, लकवा के रोगियों को आश्रम में शनिवार व रविवार को पहुंचना होता है तथा अन्य रोगों के रोगियों को शुक्रवार को आना होता है। आश्रम का उदेश्य केंसर मुक्त भरत का निर्माण करना है।