पंचकूला। सिरसा के पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या के मामले में शुक्रवार को सीबीआई की विशेष अदालत ने राम रहीम समेत चार को दोषी करार दिया। 17 जनवरी को चारों को सजा सुनाई जाएगी। 2 जनवरी को सीबीआई कोर्ट ने 16 साल पुराने इस मामले के आरोपी गुरमीत राम रहीम, निर्मल, कुलदीप और कृष्ण लाल को कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए थे। फैसला जज जगदीप सिंह ने सुनाया। उन्होंने ही साध्वी यौन शोषण मामले में राम रहीम को सजा सुनाई थी।
पंचकूला कोर्ट में राम रहीम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुआ। कोर्ट ने राम रहीम और कृष्ण लाल को आईपीसी की धारा 120बी, 302 का दोषी ठहराया। वहीं, कुलदीप और निर्मल को 120बी, 302 और आर्म्स एक्ट का दोषी ठहराया है। धारा 302 में कम से कम उम्र कैद और ज्यादा से ज्यादा फांसी की सजा हो सकती है।
फांसी मिलनी चाहिए
फैसले के बाद पत्रकार छत्रपति के बेटे अंशुल ने कहा कि हमें लंबे संघर्ष के बाद न्याय मिला। हमने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से राम रहीम को देखा। उसकी दाढ़ी सफेद हो चुकी है। चेहरा ढल चुका है। उसने पता नहीं कितने गलत काम किए हैं। उसे फांसी की सजा दी जानी चाहिए।
यह है मामला
साध्वी यौन शोषण मामले में जो लेटर लिखे गए थे, उन्हीं के आधार पर पत्रकार रामचंद्र छत्रपति ने अपने अखबार में खबरें प्रकाशित की थीं। छत्रपति पर पहले दबाव बनाया गया। जब वे धमकियों के आगे नहीं झुके तो 24 अक्टूबर 2002 को उन पर हमला कर दिया गया। 21 नवंबर 2002 को दिल्ली के अपोलो अस्पताल में उनकी मौत हो गई।
बाइक पर आए कुलदीप ने गोली मारकर रामचंद्र की हत्या कर दी थी। उसके साथ निर्मल भी था। जिस रिवॉल्वर से रामचंद्र पर गोलियां चलाई गईं, उसका लाइसेंस डेरा सच्चा सौदा के मैनेजर कृष्ण लाल के नाम पर था। गुरमीत राम रहीम पर हत्या की साजिश रचने का आरोप था। राम रहीम फिलहाल दो साध्वियों से यौन शोषण मामले में 20 साल की सजा काट रहा है।