नई दिल्ली। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यनूल (एनजीटी) ने राजधानी दिल्ली और एनसीआर में बढते प्रदूषण को लेकर दिल्ली सरकार के प्रति गंभीर रुख अपनाया है। लोगों को दम घोंटू प्रदूषण से निजात दिलाने में असफल रही अरविंद केजरीवाल की सरकार को एनजीटी ने 25 करोड़ रुपये का भारी जुर्माना ठोका है और इसकी अदायगी नहीं करने पर हर माह दस करोड़ रुपये का अतिरिक्त जुर्माना लगेगा।
एनजीटी ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर जुर्माना ठोकते हुए कहा कि यह राशि सरकार के अधिकारियों के वेतन से कटौती और पर्यावरण को प्रदूषित करने वाले लोगों से वसूली जाये। प्राधिकरण ने कहा कि यदि सरकार जुर्माना अदा नहीं करती है तो उस पर दस करोड़ रुपये प्रति माह और जुर्माना लगेगा। प्राधिकरण के समक्ष राजधानी में प्रदूषण से संबंधित 70 से अधिक याचिकाएं हैं जिन पर सुनवाई चल रही है।
एनजीटी ने कहा कि राजधानी में प्रदूषण को रोकने के लिए उसके पिछले आदेशों का पालन भी नहीं किया गया। दिल्ली में खुले में कूड़े में आग लगाने पर पूरी तरह पाबंदी है। इसके बावजूद दिल्ली में जगह-जगह कूड़ा जलाया जाना आम बात है। एनजीटी ने पिछले महीने ही पंजाब सरकार पर सतलुज और ब्यास नदी में प्रदूषण पर सख्त रवैया अपनाते हुए 50 करोड़ रुपये का जुर्माना ठोका था।
गुरदासपुर जिले में एक चीनी मिल का शीरा नदी में बहाये जाने से बड़ी संख्या में मछलियां मर गयीं थीं। न्यायाधीश ए के गोयल की अगुआई वाली पीठ ने इस मामले में आदेश देते हुए पंजाब सरकार को जुर्माने की राशि दो सप्ताह के भीतर वसूलने को कहा था।