ऑडी कार बिकाऊ है मात्र 51 रुपये में……
कोई इस पर विश्वास ही नहीं कर रहा था।
पर, एक साहब पेपर में ये विज्ञापन देख कर चल पड़े।
लिखे एड्रेस पे पहुंचकर उन्होंने बेल बजाई।
एक अधेड़ महिला ने दरवाजा खोला।
वे बोले – आप एक कार बेच रही हैं?
महिला बोली – जी हां।
मैं गाड़ी देख सकता हूं? शौक से, आइए – ये कह के महिला ने गैराज खुलवाया।
साहब ने बड़े ध्यान से गाड़ी को देखा तो उनकी आंखें फैल गई।
बोले – ये तो नई है?
जवाब मिला – एकदम तो नई नहीं है, 18000 किलोमीटर चल चुकी है।
साहब बोले – लेकिन पेपर में तो इसकी कीमत मात्र 51 रुपये लिखी है?
जवाब मिला – सही छपा है, 51 की ही है। आप 51 रुपये दीजिये और ले जाएं।
साहब ने कांपते हाथों से 51 रुपए निकाल के दिए..
महिला ने रुपये लेकर फौरन रसीद बनाई, साहब को गाड़ी के कागज एवं चाभी दे दिए।
साहब बोले – बहन जी, अब तो बता दीजिये कि मामला क्या है, मैं तो सस्पेंस से मरा जा रहा हूं।
महिला बोली – कोई सस्पेंस नहीं है, मैं तो अपने स्वर्गीय पति की इच्छा पूरी कर रही हूं।
वो अपनी वसीयत में लिख गये थे कि उनके मरने के बाद ये गाड़ी बेच दी जाए और मिली हुई सारी रकम
उनकी सेक्रेटरी को दे दिया जाए…
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