भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की ओर से जारी ‘वचनपत्र’ में सरकारी परिसरों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखाओं पर प्रतिबंध लगाने का जिक्र आने के बाद सत्तारूढ़ दल भारतीय जनता पार्टी आक्रामक हो गई है।
इसी बीच पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष कमलनाथ ने ट्वीट किया है कि भाजपा सरकारी अधिकारी-कर्मचारियों को उनकी मर्ज़ी के विपरीत आरएसएस की शाखाओं में लाइन में लगाना चाहती है, वहीं कांग्रेस उन्हें उनके कार्यालयों में बैठाना चाहती है ताकि जनता अपने कामों के लिये लाइनों में लग कर परेशान ना हो।
वहीं भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने संवाददाताओं से चर्चा में कहा कि कांग्रेस नेता नक्सलियों का समर्थन करते हैं, लेकिन संघ पर प्रतिबंध लगाने की बात करते हैं। जबकि कांग्रेस महासचिव दीपक बावरिया ने कुछ समय पहले अपने कार्यकर्ताआें से कहा था कि अनुशासन सीखने की जरूरत आरएसएस से है। अब कांग्रेस के शनिवार को जारी किए गए घोषणापत्र वचनपत्र में संघ की शाखाओं पर प्रतिबंध लगाने की बात कही गई है।
उन्होंने मांग की कि राहुल गांधी, कमलनाथ और दिग्विजय सिंह संघ पर किस तरह के प्रतिबंध की बात कर रहे हैं, यह स्पष्ट करना चाहिए और उन्हें इसके लिए माफी भी मांगना चाहिए।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा कि अपने वचन पत्र में संघ जैसे राष्ट्रवादी संगठन पर प्रतिबन्ध लगाने की बात करके कांग्रेस के नेतृत्व का असली चेहरा सामने आया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने संभवतः धर्म विशेष के लोगों को खुश करने के लिए ये कहा है, लेकिन अब हर वर्ग के लोग कांग्रेस की असलियत समझ चुके हैं।
कांग्रेस की ओर से कल जारी किए गए वचनपत्र के पेज क्रमांक अस्सी पर वादा किया गया है कि शासकीय परिसरों में आरएसएस की शाखाएं लगाने पर प्रतिबंध लगाएंगे और शासकीय अधिकारी एवं कर्मचारियों को शाखाओं में छूट संबंधी आदेश निरस्त करेंगे। इस मुद्दे को लेकर भाजपा के सभी नेताओं की तीखी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।