नई दिल्ली। ट्रेड यूनियन इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस ने केंद्र सरकार से मांग की है कि प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों को 1 साल की नौकरी पूरी होने पर ग्रेच्युटी का हक मिलना चाहिए। मौजूदा समय में प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारी को 5 साल की नौकरी पूरी होने पर ही ग्रेच्युटी मिलती है। इसके लिए सरकार को पेमेंट ऑफ ग्रेच्युटी एक्ट, 1972 में संशोधन करना चाहिए।
अगर केंद्र सरकार ट्रेड यूनियन की मांग को स्वीकार कर लेती है तो इससे प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचाारियों को बड़ा फायदा मिल सकता है।
इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस के प्रेसीडेंट एस संजीव रेड्डी ने बताया कि हमने लेबर मिनिस्ट्री ओर प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिख कर पेमेंट ऑफ ग्रेच्युटी एक्ट, 1972 में बदलाव करने की मांग की है। इसके तहत ग्रेच्युटी के जरूरी कार्यकाल को 5 साल से घटा कर 1 साल किया जाए। इससे प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचाारियों को फायदा होगा।
प्राइवेट सेक्टर में कर्मचारी जल्दी जल्द नौकरी बदलते हैं। इससे उनको ग्रेच्युटी का नुकसान होता है। अगर ग्रेच्युटी के लिए जरूरी कार्यकाल 1 साल हो जाएग तो 1 साल के बाद नौकरी बदलने वाले कर्मचारी को भी ग्रेच्युटी मिलेगी।
उनकी मांग है कि कर्मचारियों को ग्रेच्युटी 30 दिन की सैलरी पर मिलनी चाहिए। मौजूदा समय में कर्मचारियों को ग्रेच्युटी 15 दिन की सैलरी पर मिलती है। उन्होंने बताया कि हम इन मांगों को लेकर 8 और 9 जनवरी को देशव्यापी हड़ताल की योजना भी बना रहे हैं। केंद्र सरकार ने हाल में पेमेंट ऑफ ग्रेच्युटी एक्ट, 1972 में संशोधन किया था। इसके तहत अब प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों को 20 लाख रुपए तक टैक्स फ्री ग्रेच्युटी मिल सकती है। पहले यह सीमा 10 लाख रुपए थी।