अजमेर। बीजेपी भले ही शिक्षामंत्री वासुदेव देवनानी को टिकट दे देवें पर ब्राहमण समाज अपने पूर्व के फैसले पर अटल है, ब्राहमण समाज पर टिप्पणी करने वाले देवनानी को किसी सूरत में जीतने नहीं दिया जाएगा। पार्टी के भीतर ही विरोध झेल रहे देवनानी के खिलाफ ब्राह्मण रूपी जिन्न के प्रकट हो जाने से उन्हें फिर टिकट मिलने की उम्मीद पर संकट के बादल गहराने लगे हैं।
गुरुवार को जिस तरह ब्राह्मण समाज के कुछ लोगों ने बीजेपी के संभाग स्तरीय मीडिया सेंटर में धावा बोला और देवनानी के खिलाफ जमकर विरोध जताया। सांकेतिक रूप से उदयपुर का टिकट, रास्ते में सफर के दौरान भूख लगने पर खाने के लिए बिस्कुट का पैकट तथा बिसलपुर का पानी अजमेर की जनता को मुहैया में विफल रहने के बावजूद पानी की बोतल पार्टी दी गई।
विवेक पाराशर ने कहा कि जब जब ब्राह्मण जागा है भूत पिशाच तक भागा है, यह भावना ब्राह्मणों की है। यही बताने बीजेपी के मीडिया सेंटर पर बताने हम खुद आए हैं। देवनानी के लिए ब्राह्मण समाज ने चंदा एकत्र कर अजमेर से उदयपुर का रेल टिकट बनवा कर दिया है। अच्छा है कि देवनानी सम्मानपूर्वक अजमेर छोडकर चले जाएं। बिसलपुर का पर्याप्त पानी जनता को न दिला सकने वाले देवनानी के लिए पानी की बोतल और सफर के दौरान भूख लगने पर खाने के लिए बिस्कुट का पैकट भी दिया ताकि रास्ते में उन्हें तकलीफ न हो।
उन्होंने कहा कि ब्राह्मण समाज खून का घूंट पीकर बैठा हुआ है। देवनानी ने ब्राह्मणों का जमकर अपमान किया है। इसके बावजूद वे शिक्षा राज्यमंत्री पद पर काबिज हैं। बीजेपी उन्हें टिकट न दें इसलिए पहले ही उनकी रवानगी ब्राह्मण समाज ने तय कर दी है। बीजेपी को भी ब्राह्मणों की भावनाओं को समझते हुए देवनानी को टिकट नहीं देना चाहिए, बावजूद इसके टिकट दिया जाएगा तो समझ लें कि नागपुर की नारंगी अब अजमेर में बिकने वाली नहीं है।
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अजमेर की जनता को अब और बेवकूफ नहीं बनाया जा सकता। उन्हें सबक जरूर सिखाया जाएगा। देवनानी ने ब्राह्मण समाज का घोर अपमान किया था। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से लेेकर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत तक को ब्राह्मण समाज ने अनेक पत्र लिखे, इतना ही बल्कि अपने रक्त से लिखा पत्र भी उन्हें भेजा। अब ब्राह्मणों का खून बेकार नहीं जाएगा। इसने खूनी क्रांति का रूप ले लिया है। चाहे तो बीजेपी देवनानी को टिकट देकर देख ले।
उन्होंने कहा कि बीजेपी में टिकट के जो भी दावेदार हैं वे खुद देवनानी का विरोध कर रहे हैं। जयपुर जाकर अपने आला नेताओं से देवनानी की जगह किसी ओर को टिकट देने की मांग कर चुके हैं। ऐसे में जब पार्टी के लोगों और आम जनता की ही बात नहीं सुनी जा रही है तो बीजेपी समझ ले यही घोडे और यही मैदान है, सामने आएं और चुनाव लडकर देख लें। देवनानी को खुला निमंत्रण हैं आएं और लडें। उदयपुर का टिकट तो इसलिए दिया है देवनानी पहले ही सम्मानजनक तरीके से चले जाएं, फिर भी पार्टी नहीं मानती है तो परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहे।
पाराशर ने साफ कहा कि ब्राह्मण समाज का न तो बीजेपी से न ही कांग्रेस से किसी तरह का बैर है। समाज व्यक्तिगत रूप से सिर्फ वासुदेव देवनानी के विरोध है। ब्राह्मण समाज के प्रति उनकी सोच तथा नकारात्मकता के कारण ही हम उन्हें दशहरे के रावण की तरह मानते हैं, अब उन्हें अजमेर की जनता कतई बर्दास्त नहीं करेगी।
ब्राह्मण समाज की ओर से लंबे समय से देवनानी के विरोध कर रहे सुदामा शर्मा ने भी दो टूक कहा किे देवनानी ने ब्राह्मण समाज का अपमान किया और बीजेपी ने भी समाज के आंदोलन को नजरअंदाज किया। अब फिर से देवनानी को टिकट देकर अजमेर पर थोपे जाने की कवायद चल रही है। देवनानी को टिकट दिया गया तो ब्राह्मण समाज खुलकर विरोध करेगा।