कोलकाता। अभिनय, समाजसेवा और बच्चों के लिए किताब लिखने में अपना समय देने वाली नंदना सेन ने कहा है कि उन्हें लेखन से अभिनय और अभिनय से लेखन में मदद मिलती है।
नंदना ने कहा, ‘अभिनय और लेखन दोनों ही भावनाओं और चरित्रों के साथ कहानी कहने के तरीके हैंं। मेरे कहानी कहने का तरीका एक अभिनेत्री के रूप में एकत्रित अनुभवों से गहराई तक प्रभावित है।’
अभिनय और लेखन में शब्दों की परस्पर-निर्भरता संबंधी सवाल पर सेन ने कहा कि ठीक इसी प्रकार एक अभिनेत्री के रूप में मैं लिखे हुए तथ्यों से प्रभावित होती हूं। नंदना की अंतिम फिल्म 2014 में केतन मेहता निर्देशित ‘रंग रसिया’ आई थी। यह चित्रकार राजा रवि वर्मा की आत्मकथा से प्रेरित थी। तक से अभी तक सेन बच्चों के लिए दो किताबें ‘कंगारू किसेज’ और ‘मांबी एंड फारेस्ट फायर’ लिख चुकी हैं।
अर्थशास्त्री अमत्र्य सेन की पुत्री नंदना सेन ने ‘मांबी ’ के बारे में बताया कि एक अभिनेत्री के तौर पर मैंने कल्पनाएं कीं और इसके बाद प्रत्येक छोटी से छोटी बात कहानी के पृष्ठभूमि के रूप में लिखी। मुंबई में रहने के दौरान वह अपना समय अभिनय और बच्चों के अधिकारों और बच्चों के लिए किताबें लिखने में व्यतीत करती हैं।