अजमेर। सावन-भादो में दो महीने तक रही मेलों की धूम पर विराम लग गया है। सोमवार को रामगंज स्थित कार्यसिद्ध बालाजी मंदिर में इस त्योहारी सीजन का आखिरी मेला भरा। इसमें हजारों शहरवासी उमड़ पड़े।
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रामगंज का मेला के नाम से मशहूर मेले से एक दिन पूर्व ही झूले चकरी और खिलौने खानपान की दुकान लगाने वालों ने डेरा जमा लिया। रात भी उन्होंने फुटपाथ पर ही बिताई।
दिन होते ही आसपास के लोग झूले चकरी और खानपान की स्टालों का लुत्फ उठाने लगे। शाम होते-होते हजारों लोगों का रैला उमड़ पड़ा। पुपाड़ी के शोर से पूरा रामगंज गूंज उठा। आकर्षक आतिशबाजी और डीजे पर बज रहे गीत मेलार्थियों का जोश दुगुना कर रहे थे।
उधर मन्दिर में महंत मोहनगिरी के सान्निध्य में विशेष पूजा अर्चना हुई। इस दौरान नए महंत की चादर ओढ़ाई की रस्म भी हुई।
पास ही दौराई में श्री चारभुजा नाथ का मेला भी भरा। वहां से लेकर रामगंज तक मेले की रंगत रहने के कारण ही इसे अजमेर का सबसे बड़ा मेला कहा जाता है। रात 1 बजे तक मेले में करोड़ों रुपए का कारोबार हुआ।