जमीन खुद की बताकर ऐंठ लिए 8 लाख रुपए
इंदौर। पुणे के साफ्टवेयर इंजीनियर से ठगोरों ने प्लाट के नाम पर लाखों रुपए ऐंठ लिए। जब इंजीनियर ने जमीन के बारे में जांच की तो पता चला कि जिस जमीन के लिए उसने रुपए दिए थे, वह किसी और की है। मामले में पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज किया है।
विजय नगर पुलिस के अनुसार पुणे निवासी रोहित राखन ने शिकायत दर्ज कराई थी कि मैं जून 2012 मे इन्दौर आया था और मन्दिर दर्शन करने के ले पंच बालायती जैन मन्दिर विजय नगर गया था। यहां ज्ञानदय सिटी कालोनी का बेनर लगा था और बेनर पर बिल्डर्स मनीष जैसवाल का नाम एवं मोबाईल नम्बर था मनपीष से संपर्क किया तो वह अपने साथी रविश पहुंचा और बताया कि ज्ञानोदय सिटी कालोनी अभी लंच कर रहे है । यहां पर प्लाट सस्ते हैं। मैं दोनों की बातों में आ गया और कालोनी में प्लाट बुक करने के नाम पर मनीष जैसवाल को 2 लाख रुपये का चेक दे दिया।
मनीषा ने मुझे भरोसा दिलाया था कि जमीन उसकी स्वयं की है। प्लाट के लिए दूसरा चेक 8 फरवरी 2013 को 6 लाख 10 हजार का दिया गया। इस पर मनीष ने विक्रय अनुबंध किया। बाद में पता चला कि मनीष द्वाराकोई कालोनी नही काटी जा रही है और जिस जमीन पर बताया जा रहा था कभी मनीष जैसवाल के स्वामित्व की नही रही।
इस प्रकार मनीष जैसवाल एंव रविश जैन ने मुझसे प्लाट के नाम पर रुपये ऐंठ लिए और धोखाधडी की। बाद में दोनों ने रुपए मांगनेपर देने से मना कर दिया। मामले में पुलिस ने मनीष और रविश के खिलाफ प्रकरण दर्ज करमामले में आगे जांच शुरू कर दी है।