बोकारो। झारखंड के बोकारो में करोड़ों के प्लॉट पर बनी बिल्डिंग पर कब्जा जमाने के लिए एक डॉक्टर व उसके रिश्तेदार ने मकान मालिक दीपक घोष उम्र 50 वर्ष और उनकी बड़ी बहन मंजूश्री घोष उम्र 56 वर्ष को एक कमरे में 2 साल तक बंधक बनाकर रखा आरोपी डीके गुप्ता आंखों का डॉक्टर है।
पुलिस ने भाई-बहन को छुड़ाकर बोकारो जनरल अस्पताल में भर्ती कराया है। डॉक्टर के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है
मंजूश्री और दीपक के पिता SK घोष बोकारो स्टील प्लांट में अधिकारी थे। 1971 में उन्हें कोआपरेटिव कॉलोनी में प्लॉट आवंटित किया गया। इस पर वह मकान बनाकर अपने परिवार के साथ रहने लगे। घर में उनकी पत्नी बेटा और बेटी थी।
2001 में संतोष कुमार गुप्ता ने इस प्लॉट के एक हिस्से को किराए पर लिया और वहां चश्मे की दुकान और क्लिनिक खोल दिया। उसी क्लीनिक में उनके रिश्तेदार नेत्र चिकित्सक डॉ डीके गुप्ता भी बैठते थे। इन्होंने मकान पर कब्जा कर लिया और दोनों को बंधक बना लिया।
एडीजीपी आधुनिकरण एवं प्रशिक्षण अनिल पालटा ने अस्पताल में मंजूश्री और दीपक घोष से मुलाकात की। उन्होंने कहा 28 साल के कार्यकाल में ऐसी अमानवीय घटना नहीं देखी। दोनों भाई बहन को प्लॉट पर कब्जा करने के उद्देश्य से बंधक बनाकर रखा गया था और उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया गया है।
उन्होंने बोकारो एसीपी को जांच के आदेश दिए। यह बड़े ही शर्म की बात है कि आज जमीन जायदाद के लिए रिश्तेदार ही अपने उन रिश्तेदारों के साथ ऐसी शर्मनाक चीज कर सकते हैं। पेशे से डॉक्टर होते हुए भी उन्होंने एक पल के लिए भी नहीं सोचा यह कितना गलत है।