नई दिल्ली। अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का यान पार्कर सोलर प्रोब शनिवार को अपनी ऐतिहासिक यात्रा पर रवाना नहीं हो सकी पर आज ये यात्रा शुरु हो चुकी है। यान का लांच शनिवार को ईस्टर्न डेटाइम के मुताबिक 3.33 तड़के तय किया गया था जिसके बाद में बढ़ाकर 3.53 जिसे 4.28 बजे तक बढ़ाया गया। बाद में तकनीकी कारणों से इसके लांच को रविवार तक बढ़ाने का फैसला किया गया था।
यह सूरज के सबसे नजदीक पहुंचने वाला इंसान का बनाया पहला यान होगा। सूरज को छूने के लिए डिजाइन किए गए 1.5 अरब डॉलर का यह अंतरिक्ष यान कार के आकार है और यह सीधे सूर्य के कोरोना के चक्कर लगाएगा। इसे नासा के केनेडी स्पेस सेंटर से रवाना किया जाएगा।
एयरफोर्स की मौसम अधिकारी कैथी राइस ने एक न्यूज कॉन्फ्रेंस मे बताया था कि लांच के लिए 65 मिनट का समय होगा। इस दौरान अगर मिशन लांच नहीं हो पाया तो मुश्किल हो सकती है। इस समय के बाद उड़ान भरने पर यान को धरती के चारों ओर मौजूद वैन एलेन बेल्ट से परत से नुकसान पहुंचने का खतरा है। इससे पहले 8 अगस्त को यान का लांच रिहर्सल अच्छा रहा था।
अगले कुछ वर्षों में यह यान सूर्य से करीब 61 लाख किलोमीटर दूर से इसके चक्कर लगाएगा। यह दूरी अब तक सूर्य पर भेजे गए सभी शोध यानों से सात गुना कम होगी। ऐसा पहली बार होगा जब कोई यान सूर्य के इतने नजदीक होगा।
हर परिक्रमा के साथ ये सूर्य के और नजदीक आता जाएगा। इस शोध यान की लंबाई 9 फीट और 10 इंच है। वहीं इसका वजन 612 किलोग्राम है। सोलर प्रोब को सूरज के ताप से बचाने के लिए इसमें स्पेशल कार्बन कंपोजिट हीट शिल्ड लगाई गई है।