न्यूज नजर : प्रतिवर्ष आषाढ़ शुक्ल नवमी को भडली (भडल्या) नवमी पर्व मनाया जाता है। भगवान विष्णु को समर्पित है यह दिन। नवमी तिथि होने से इस दिन गुप्त नवरात्रि का समापन भी होता है। इस वर्ष 2018 में यह पर्व 21 जुलाई शनिवार को मनाया जा रहा है।
पौराणिक शास्त्रों के अनुसार भड़ली नवमी का दिन भी अक्षय तृतीया के समान ही महत्व रखता है अत: इसे अबूझ मुहूर्त मानते हैं तथा यह दिन शादी-विवाह को लेकर खास मायने रखता है। इस दिन बिना कोई मुहूर्त देखे विवाह की विधि संपन्न की जा सकती है।
मान्यता है कि जिन लोगों के विवाह के लिए कोई मुहूर्त नहीं निकलता, उनका विवाह इस दिन किया जाए, तो उनका वैवाहिक जीवन हर तरह से संपन्न रहता है, उनके जीवन में किसी प्रकार का व्यवधान नहीं होता।
यह भी पढ़ें
परसों से थम जाएगी शादी-ब्याह की धूम, 4 महीने तक नहीं होंगे मांगलिक कार्य