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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य का कर्क राशि तथा सिंह राशि में भ्रमण वर्षा ऋतु का काल माना जाता है।
सूर्य की सायन कर्क सक्रांति 21 जून को होती है जबकि निरयन संक्रान्ति में सूर्य 17 जुलाई को कर्क राशि में प्रवेश करेंगे। निरयन सिद्धांत की हमारे देश मे माना जाता है लेकिन विदेशी ज्योतिष सायन सिद्धांत पर आधारित है।
वर्षा ऋतु की ओर बढते ग्रह
8 जून से शुक्र ग्रह कर्क राशि में प्रवेश कर चुके हैं और बुध ग्रह की 10 जून को मिथुन राशि में एंट्री हो चुकी है तथा बुध का आर्द्रा नक्षत्र में 13 जून को प्रवेश हो चुका है।
15 जून को मिथुन राशि में सूर्य प्रवेश करेंगे तथा सूर्य की मिथुन संक्रांति होगी। 21 जून को वर्षा ऋतु प्रारंभ होगी। 21 जून से ही सूर्य का दक्षिणायन शुरु होगा जो 22 दिसम्बर तक रहेगा तथा सूर्य की सायन संक्रांति कर्क राशि में होगी।
आर्द्रा नक्षत्र प्रवेश लग्न
22 जून 2018 को दिन के 11 बजकर 11 मिनट पर सूर्य आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। सिंह लग्न की कुंडली में कन्या के चन्द्र, तुला के गुरू, मिथुन राशि के सूर्य व बुध ग्रह व धनु राशि में शनि मकर राशि के मंगल केतु व कर्क राशि के शुक्र व राहू होंगे। यह लग्न वर्षा व प्राकृतिक प्रकोप की सूचना देने में उपयोगी जानकारी देता है।
सूर्य के आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश के समय की कुंडली बनाकर देश व दुनिया में वर्षा की स्थिति, प्राकृतिक प्रकोप, दुर्घटना तथा राजा और प्रजा की स्थिति का आकलन किया जाता है।
आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश के समय सिंह लग्न की कुंडली होगी तथा मंगल ग्रह भी अपनी पूर्ण आठवीं दृष्टि से लग्न को देखेंगे। लग्नेश सूर्य व बुध ग्रह लाभ भाव में बैठे हैं जो कहीं पर अति वृष्टि तो कहीं पर खंड वृष्टि करेंगे। उस दिन परिध योग होने से धर्म कर्म दोनों का नाश होगा तथा राजा पीड़ित रहेंगे। शुक्रवार का दिन होने से मांगलिक कार्यों में वृद्धि होगी तथा चित्रा नक्षत्र के कारण दलहन के उत्पादन में प्रवेश वृद्धि होंगी।
लग्न व मंगल दोनों अग्नि तत्व प्रधान है, अतः विश्व के अधिकांश भूभाग सामान्य से ज्यादा गर्म होंगे तथा अग्नि कांड, विस्फोट, आगजनी, बमबारी, ज्वालामुखी, भूकंप, भूसखलन ज्यादा मात्रा में होने के योग बनते हैं।
कुल मिलाकर बुध ग्रह 10 जून को मिथुन राशि तथा 13 जून को आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश के बाद शुक्र ग्रह कर्क राशि में आ चुके हैं। इस कारण लगभग दो सप्ताह आंधी तूफान ओर प्रचंड तूफान वर्षा व समुद्री तूफान अति वृष्टि करने के योग सर्वत्र बने हुए हैं।
मिथुन संक्रांति व आर्द्रा नक्षत्र की ओर बढ़ता सूर्य भी वर्षा को भारी निमंत्रण दे रहा है तथा सायन संक्रांति कर्क राशि मे भी 21 जून को होगी यह मान्यता भी वर्षा के संकेत देती हैं। यह सब ज्योतिष शास्त्र की मान्यता है। हकीकत तो सृष्टि का परमात्मा ही जान सकता है।