आइसलैंड की राजधानी रेक्जाविक का ‘आइसलैंडिक फैलोलॉजिकल म्यूजियम’ (The Icelandic Phallological Museum) अपने आप में अनोखा है क्योकि यह दुनिया का इकलौता म्यूज़ियम है जहाँ मछलियों, जानवरों से लेकर इंसानों तक के लिंग (जननांग) का संग्रह किया गया है। यह म्यूजियम सन् 1997 में रेक्जाविक में खोला गया था और यहां 93 अलग-अलग जीवों की 300 से ज्यादा प्रजातियों के लिंग और जननांग रखे गए हैं। इनमें 17 तरह की व्हेल्स, सात तरह की सील, पोलर बीयर और गोरिल्ला के लिंग भी शामिल हैं। इनका साइज 2 मिलीमीटर से लेकर 6 फुट तक है। आइसलैंड के टूरिस्ट गाइड पाल एरासन (95 वर्ष) दुनिया के पहले इंसान थे, जिनके जननांग को इस म्यूजियम में प्रदर्शन के लिए रखा गया है। उनका लिंग और अंडकोष अचार के एक जार में रखा गया है। एडिनबर्ग स्थित स्कॉटलैंड यूनिवर्सिटी में पढ़ चुके और 37 साल तक प्रिंसिपल रह चुके लैटिन अमेरिकी इतिहासकार सिगरदर जारटार्सन इस म्यूजियम के संस्थापक हैं। एक सीनियर सेकेंडरी स्कूल में पढ़ाने के दौरान उन्हें पहली बार एक बैल का लिंग मिला था। उसके बाद उन्होंने 62 अलग-अलग प्रजातियों के जननांग इकट्ठे किए। यहाँ रखे लिंगो में सब्से अधिक लम्बाई व्हेल मछली के लिंग की (67 इंच), और सबसे कम लम्बाई हेमस्टर की पेनिस बोन (.081 इंच, देखने के लिए मेग्निफाइन ग्लास कि जरुरत पड़ती है) की है।
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