हैदराबाद। सनसनीखेज मक्का मस्जिद विस्फोट मामले का सोमवार को फैसला सुनाने वाले चतुर्थ अपर मेट्रोपॉलिटन सत्र न्यायाधीश के रवीन्द्र रेड्डी ने इस्तीफा दे दिया है, न्यायाधीश रेड्डी तेलंगाना न्यायाधीश एसोसियेशन अध्यक्ष भी हैं। उनके इस्तीफे ने सस्पेंस क्रिएट कर दिया है।
उन्होंने हैदराबाद उच्च न्यायालय के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन को इस्तीफा भेज दिया है। न्यायाधीश रेड्डी के इस्तीफा देने के कारण का अभी पता नहीं चल सका है।
यह है फैसला
हैदराबाद में चारमीनार के निकट शुक्रवार की नमाज के बाद मक्का मस्जिद में हुए विस्फोट में नौ लोगों की मृत्यु हो गई थी और 58 लोग घायल हो गए थे। न्यायाधीश रेड्डी ने इस मामले की सुनवाई पिछले सप्ताह पूरी कर ली थी और फैसला सुरक्षित कर लिया था।
इस मामले में हिन्दूवादी संगठन अभिनव भारत के सदस्य नाबाकुमार सरकार उर्फ स्वामी असीमानंद, देवेन्दर गुप्ता, लोकेश शर्मा, भारत मोहन लाल रतेश्वर उर्फ भारत भाई और राजिन्दर चौधरी को न्यायालय ने बरी कर दिया। इस घटना की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने की थी और न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया था।
उल्लेखनीय है कि 18 मई 2007 को नमाज के दौरान ऐतिहासिक मक्का मस्जिद में हुए विस्फोट में नौ लोग मारे गए थे और 58 अन्य घायल हुए थे। पुलिस ने विस्फोट के बाद घटनास्थल से दो सक्रिय आईईडी विस्फोटक बरामद करके उन्हें निष्क्रिय कर दिया था। इसके बाद मस्जिद के बाहर पुलिस की ओर से की गई गोलीबारी में पांच अन्य लोग भी मारे गए थे।
स्थानीय पुलिस की शुरुआती जांच के बाद मामला केन्द्रीय जांच ब्यूरो को स्थानांतरित कर दिया गया था। इस मामले में कुल आठ आरोपी थे। जांच के दौरान सुनील जोशी की हत्या कर दी गयी थी। वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रवक्ता थे।
जबकि संदीप वी डांगे और रामचंद्रा कालसांगरा नामक दोनों आरएसएस कार्यकर्ता जांचकर्ताओं के सवालों को टालकर बच निकलते हैं। साक्ष्यों के अभाव का हवाला देते हुए न्यायाधीश ने कहा कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी किसी भी आरोपी को दोषी साबित करने में असफल रही है।