नई दिल्ली। सीबीआई ने राजधानी, शताब्दी और अन्य सुपरफास्ट ट्रेनों में बोतल बंद पेयजल की आपूर्ति में कथित भ्रष्टाचार के लिए रेलवे के दो वरिष्ठ अधिकारियों और एक व्यवसायी को गिरफ्तार किया।
रेल नीर घोटाले के संबंध में वर्ष 1984 बैच के आईआरटीएस अधिकारी संदीप सिलास और वर्ष 1987 बैच के अधिकारी एमएस चालिया तथा आरके एसोसिएटस के मालिक शरण बिहारी अग्रवाल को हिरासत में लिया गया।
गिरफ्तारी ऐसे समय हुई जब सीबीआई ने बीते शुक्रवार को छानबीन के दौरान अग्रवाल तथा उनके बेटों अभिषेक तथा राहुल के पास से 27 करोड़ रुपए की नकदी बरामद की थी।
रेलवे के दो अधिकारियों और अग्रवाल को अदालत में पेश किया गया जिसने उन्हें एक दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया। सीबीआई प्रवक्ता ने कहा कि उन्हें फिर से पटियाला हाउस अदालत में पेश किया गया।
सीबीआई ने 17 अक्तूबर को अधिकारियों के आवास पर छापेमारी की थी जिसके बाद दोनों को तुरंत निलंबित कर दिया गया। सीबीआई ने चालिया, सिलास तथा सात निजी कंपनियों आरके एसोसिएटस प्राइवेट लिमिटेड, सत्यम कैटरर्स प्राइवेट लिमिटेड, अंबुज होटल एंड रियल एस्टेट, पीके एसोसिएटस प्राइवेट लिमिटेड, सनसाइन प्राइवेट लिमिटेड, बंदावन फूड प्रोडक्ट एंड फूड वर्ल्ड के खिलाफ भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के तहत मामला दर्ज किया था।