नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली गुरुवार को लोकसभा में वित्त वर्ष 2018-19 का आम बजट पेश कर रहे हैं। उन्होंने एक प्रमुख राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना की घोषणा की जिसके तहत देश के 10 करोड़ गरीब परिवारों को 5 लाख रुपए का हेल्थकवर दिया जाएगा।
जेटली ने 2018-19 का आम बजट पेश करते हुए कहा कि अब हम देश के 10 करोड़ गरीब परिवारों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए एक प्रमुख राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना शुरू कर रहे हैं। यह योजना लगभग 50 करोड़ लाभार्थियों को अस्पताल में द्वितीय एवं तृतीय दर्जे की देखभाल के लिए प्रति परिवार 5 लाख रुपए प्रति वर्ष तक उपलब्ध कराएगी।
जेटली ने इसे दुनिया की सबसे बड़ी सरकारी वित्त पोषित स्वास्थ्य सुविधा योजना बताया। जेटली ने देश में 1.5 लाख स्वास्थ्य केंद्रों के लिए 1,200 करोड़ रुपए आवंटित किए जाने की भी घोषणा की।
उन्होंने भारत में तपेदिक रोगियों को पोषण संबंधी सहायता के लिए 600 करोड़ रुपये देने की भी घोषणा की। इस पहल के तहत, उपचार करा रहे प्रत्येक टीबी रोगी को 500 रुपये दिए जाएंगे।
जेटली ने कहा कि सरकार द्वारा स्वास्थ्य के लिए नई पहल के तहत 24 नए सरकारी मेडिकल कॉलेज खोलने की भी घोषणा की गई है।
बजट की प्रमुख बातें
– कृषि उत्पादन के लिए क्लस्टर मॉडल अपनाया जाएगा।
– कृषि उत्पादन के लिए क्लस्टर मॉडल अपनाया जाएगा।
– कृषि संबंधी कार्यो के लिए 10 लाख करोड़ रुपए से लेकर 11 करोड़ रुपए का कर्ज दिया जाएगा।
– मत्स्यपालन एवं पशुपालन क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 10,000 करोड़ रुपए के कोष बनाए जाएंगे।
– ऑपरेशन ग्रीन के लिए 500 करोड़ रुपए का आवंटन।
– कृषि बाजारों के विकास के लिए 2000 करोड़ रुपए का कोष स्थापित किया जाएगा।
– 470 कृषि उत्पाद बाजार समितियों को ईनैम (राष्ट्रीय कृषि बाजार) नेटवर्क से जोड़ा गया है, बाकी को मार्च 2018 तक कनेक्ट कर लिया जाएगा।
– सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य को बढ़ाकर उत्पादन मूल्य का 1.5 गुना किया जाएगा।
– सरकार कारोबार करने में आसानी के बाद अब गरीबों और मध्यमवर्गीय वर्ग के जीवन को सुगम बनाएगी।
– खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय के लिए आवंटन की राशि दोगुनी की जा रही है, विशेष रूप से कृषि प्रसंस्करण और वित्तीय संस्थानों को बढ़ावा दिया जाएगा।
– -भारत अब 2500 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था है और यह जल्द ही आठ फीसदी की विकास दर हासिल करने के मार्ग पर अग्रसर है।
– कृषि, ग्रामीण अर्थव्यवस्था, स्वास्थ्य, इन्फ्रा और वरिष्ठ नागरिकों पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
– वित्त वर्ष 2017-18 की दूसरी छमाही में विकास दर 7.2 से 7.5 फीसदी रहने की उम्मीद।
– अधिक पारदर्शी तरीके से प्राकृतिक संसाधनों का आवंटन कर रहे हैं।
– प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने कई मूलभूत संरचनात्मक सुधार लागू किए हैं।