भगवान सूर्य की आराधना व दान पुण्य का पर्व मकर संक्रांति रविवार 14 जनवरी को मनाया जाएगा। शब्द संक्रांति सूर्य के संक्रमण यानि राशि परिवर्तन से बना है। इस दिन सूर्य, शनि की राशि मकर में प्रवेश करके 2 माह तक शनि की राशि मकर व कुंभ में रहते हैं। मकर संक्रांति से सूर्य उत्तरी गोलार्द्ध की ओर अग्रसर होकर दिनों को प्रकाशमान करता है।
इसी दिन से धनुमास व दक्षिणायन समाप्त होकर उत्तरायण शुरू होता है। शास्त्रों में दक्षिणायण को नकारात्मक यानी देव रात्रि व उत्तरायण को सकारात्मक यानी देव दिवस मानते हैं।
ऐसे में सूर्यदेव की आराधना व कुछ विशेष उपाय कर आप अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं।
उपाय
आमदनी में बढ़ोतरी के लिए सूर्यदेव पर चढ़ा 1 रु का सिक्का पर्स में रखें।
कार्यक्षेत्र में तरक्की के लिए सूर्यदेव पर चड़ी 10 रेवड़ियां गरीब मजदूर को बांटे।
सुदृढ़ पारिवारिक संबंधों के लिए काली गाय को हरी घास खिलाएं।
पूजन मुहूर्त: दिन 14:00 से शाम 15:00 तक। (संक्रांति काल)
पूजन मंत्र: ह्रीं रवये कालाय नमः ॥
मकर संक्रांति पुण्यकाल मुहूर्त दिन 14:00 से शाम 17:41 तक रहेगा। संक्रांति पल दिन 14:00 पर होगा। महापुण्य काल मुहूर्त दिन 14:00 से दिन 14:24 तक रहेगा।
विशेष पूजन विधि
पूर्वमुखी होकर सूर्यदेव का विधिवत पूजन करें। तांबे की दिये में तिल के ताल तेल का दीप करें, तगर की धूप करें, रोली चढ़ाएं, व अशोक के पत्ते चढ़ाएं व लाल फूल चढ़ाएं। जल भरे ताम्र कलश में काले तिल, गुड, उड़द, शहद व सिंदूर मिलाकर सूर्यदेव को अर्घ्य दें। किसी माला से इस विशेष मंत्र का 1 माला जाप करें।
इसलिए है विशेष
इस मकर संक्रांति का नाम राजसी है। यह जीवों के लिए कर्मफलदायी रहेगी। मकर संक्रांति पर दिए गए दान से सहस्त्र गुणा फल मिलेगा।