संयुक्त राष्ट्र। शिया धर्मगुरु को सऊदी अरब द्वारा मृत्युदंड दिए जाने के बाद जिस तरह के हालात बने हैं, उसके बाद जिस तरह का अंदेशा जताया जा रहा था, उसको नकारते हुए सऊदी अरब की ओर से कहा जा रहा है कि वह ईरान से संबंध तोडऩे के अपने फैसले का असर सीरिया और यमन में चल रही शांति प्रक्रिया की कार्यवाही पर नहीं पडऩे देगा।
सऊदी अरब के विदेश मंत्री अबेल अल जुबरी की ओर से यह जानकारी दी गई है। अरब का कहना है कि वह सीरिया और यमन में शांति स्थापित करने के लिए हर संभव प्रयास करता रहेगा। उन्होंने इस बात के लिए संयुक्त राष्ट्र को भरोसा दिलाया कि ईरान से संबंध बिगडऩे के बाद भी इस मामले यानी कि शांति प्रक्रिया में कोई फर्क नहीं पडऩे वाला है।
उल्लेखनीय है कि एक शिया धर्मगुरु को सऊदी अरब द्वारा मृत्युदंड दिए जाने के विरोध में प्रदर्शनकारियों द्वारा तेहरान स्थित उसके दूतावास पर हमला कर दिया था, जिसके बाद सऊदी अरब सरकार ने ईरान के साथ अपने राजनयिक संबंध समाप्त करने की घोषणा कर दी थी और अपने यहां से सभी ईरानी दूतों को 48 घंटों के भीतर सऊदी अरब से चले जाने का फरमान सुनाया था।
दोनों देशों के बीच आज कई मामलों को लेकर लगातार टकराव की स्थिति बनी हुई है। सीरिया और यमन के बीच युद्ध में सऊदी नीत गठबंधन ईरान समर्थित विद्रोहियों के खिलाफ लड़ रहा है। वहीं ईरान संकटग्रस्त राष्ट्रपति बशर अल असद की सत्ता के पक्ष में है।
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