सहारनपुर। दारूल उलूम देवबंद ने डिजाइनर बुरके के खिलाफ फतवा जारी करने के एक दिन बाद ही एक और फतवा जारी किया है। इसमें बैंक में काम करने वालों के लड़के-लड़की से शादी करना हराम बताया है।
फतवे में कहा गया कि इस्लाम में ब्याज खाना हराम है। बैंकिंग सेक्टर ब्याज पर आधारित है। ऐसे में बैंक में काम करने वालों के घर में जो तनख्वाह का पैसा आ रहा है, वह जायज नहीं है। ऐसे घर में बेटी देना या लेना हराम है।
देवबंद ने यह फतवा एक शख्स के जवाब में जारी किया है। उस शख्स ने पूछा था कि उसके पास एक लड़की का रिश्ता आया है। उस लड़की का पिता बैंक में काम करता है। क्या उसकी लड़की से शादी करना मुनासिब है या नहीं?