नई दिल्ली। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने एक बार फिर धार्मिक मामलों में दखल देते हुए विवादित निर्देश जारी कीए हैं। हिंदू आस्था के केंद्र वैष्णो देवी के बाद अमरनाथ यात्रा पर निर्देश देते हुए एनजीटी ने मंत्रोच्चारण, जयकारे और घंटियां बजाने से पर्यावरण को खतरा पहुंचने की बात करते हुए इनपर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। इस पर बीजेपी सहित विभिन्न संगठनों और आमजन ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
सोशल मीडिया पर फूटा लोगों का गुस्सा
इस फैसले के साथ ही सोशल मीडिया पर इसका विरोध शुरु हो गया है। लोगों ने एनजीटी के आदेश को गैर जरूरी बताते हुए उसे राष्ट्रीय विरोधी करार कर दिया है।
कई लोगों ने लिखा – थोड़े दिनों बाद “राम नाम सत्य है” पर भी प़तिबंध लगेगा। इससे ध्वनि प्रदूषण कम होगा। इसके बाद NGT कहेगी कि कोई “पाद” नहीं मारेगा ।
निधि पासवान नामक यूजर ने लिखा ‘NGT को कोई समझाओ कि यह मंदिर है, मकबरा नहीं। मंत्र नहीं पढेंगे,जयकारा नहीं लगाएंगे,घंटी नहीं बजाएंगे;तो क्या झक मराएंगे वहाँ?उम्मीद है Govt हस्तक्षेप करेगी।
परेश रावल ने लिखा एनजीटी को ‘मंत्रोच्चार’ और ‘जयकारे’ लगाने वालों से दिक्कत है, पर त्यौहार के नाम पर खून बहाने, लाउडस्पीकर पर चिल्लाने और बम फोड़ने वालों से बिल्कुल दिक्कत नही है!