जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने जोधपुर शहर में बरसाती पानी की निकासी को लेकर पूर्व विधायक माधोसिंह कच्छवाह की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान सरकार द्वारा कोर्ट के आदेशों की पालना नहीं करने पर नाराजगी जाहिर की।
उच्च न्यायालय ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि यह निकम्मी सरकार है और निकम्मे लोग हैं, अब तो हद हो गई, सरकार इन निकम्मों को बचाने के लिए अध्यादेश तक लाने में व्यस्त है, तो कल्याणकारी कार्यों का क्या होगा।
न्यायाधीश गोविन्द माथुर व न्यायाधीश विनीत माथुर की खंडपीठ में सोमवार को याचिका की सुनवाई के दौरान जब यह तथ्य सामने आया कि हाईकोर्ट के 17 जुलाई को जारी आदेश के बावजूद सरकार ने बजट उपलब्ध नहीं करवाया है।
वापस एक पत्र लिखकर कोर्ट से स्पष्टीकरण मांगा है, तब कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए पत्र लिखने वाले तृतीय नगरीय विकास विभाग के संयुक्त सचिव को 26 अक्टूबर को व्यक्तिगत रूप से हाईकोर्ट में उपस्थित होकर निर्देशों की पालना करने के बजाय वापस कोर्ट से ही स्पष्टीकरण मांगने पर जवाब तलब किया है।
सुनवाई में सरकार की ओर से एएजी राजेश पंवार व पीआर सिंह ने पक्ष रखते हुए समय मांगा, लेकिन हाईकोर्ट ने स्पष्ट कहा कि कितना समय दिया जाए, बार-बार समय मांगा जा रहा है। क्या हाल होगा उस शहर का जिसके एक पूर्व विधायक को जनहित याचिका दायर करनी पड़ी है, लेकिन सरकार कुछ नहीं कर रही है, केवल आश्वासन देकर काम चला रही है।