नोएडा। नोएडा में दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे परियोजना के शिलान्यास के मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को कांग्रेस पर विकास परियोजनाओं की अनदेखी करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि साठ साल से देश की सत्ता पर काबिज रहने वाली कांग्रेस नहीं चाहती कि देश में विकास परियोजनाएं शुरू हो और जनता को उसका लाभ मिले। यही कारण है कि कांग्रेस जानबूझकर संसद में विकास से जुड़े मुद्दों पर चर्चा नहीं होने दे रही है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि संसद को बर्बाद करने का अधिकार किसी को नही है। देश के जनता ने उन्हें चुनकर लोकतंत्र के मंदिर में भेजा है, लेकिन गरीबों एवं नौजवानों से जुडे मुददों पर कांग्रेस एवं अन्य विपक्षी पार्टियां बहस एवं चर्चा नहीं करना चाहती। प्रधानमंत्री ने नए साल की पूर्व संध्या पर विपक्षी पार्टियों से संसद का काम चलने देने का आग्रह करते हुए कहा कि जिस प्रकार मेरठ ने 1857 में आजादी का मार्ग दिखाया था, ठीक उसी तरह दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे प्रदूषण से मुक्ति का मार्ग दिखाएगा।
गांवों को सड़कों से जोडऩा आवश्यक
उन्होंने कहा कि देश की गति को रफ्तार देने के लिए गांवों को सड़कों से जोडऩा बहुत आवश्यक है। आज से 25 साल पहले किसान केवल मिटटी का मार्ग बनवाने की सोचता था। लेकिन अब वह पक्की सड़क नहीं, बल्कि डामर की सड़क मांग करता है। यह एक्सप्रेस-वे लोगों की इन्ही आशंकाओं को पूरा करेगा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विकास में महत्वूपर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने देश के लोगों के लिए दो योजनाएं शुरू की थी। इनमें से एक स्वर्ण चतुर्भज, दूसरी प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना। इन दोनों योजनाओं ने लोगों के जीवन में बड़ा बदलाव किया। लेकिन उनके बाद दस साल का समय ऐसे ही चला गया। लेकिन अब अटल जी के प्रयासों को आगे बढ़ाने का काम उनकी साकार कर रही है। प्रधानमंत्री के मुताबिक दिल्ली-नोएडा एक्सप्रेस-वे के निर्माण से आसपास के इलाकों में रोजगार के अवसर बढ़ेगें और युवाओं को इसका लाभ मिलेगा।
अखिलेश नहीं आए
शिलान्यास के मौके पर उप्र के राज्यपाल राम नाईक, केंद्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग व जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी, केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा, केंद्रीय मंत्री वी. के. सिंह और उप्र के प्रतिनिधि केबिनेट मंत्री शाहिद मंजूर भी उपस्थित थे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव समारोह में नहीं आए।