वॉशिंगटन। अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का बहुप्रतीक्षित मार्स (मंगल ग्रह) मिशन इस बार अनोखी वजह से चर्चा में आ गया है। नासा ने डेढ़ साल की अवधि वाले इस मिशन की क्रू टीम में बदलाव का निर्णय लिया है। वजह यह है कि नासा को इस अभियान में सेक्स का डर सता रहा है।
उसे आशंका है कि अगर डेढ़ साल के लिए महिला-पुरुष की टोली भेजी गई तो वे इतनी लंबी अवधि में ‘गलती’ कर सकते हैं। अगर कोई किसी एस्ट्रोनॉट ने सेक्स कर लिया और वह गर्भवती हो गई या बच्चे को जन्म दे दिया तो पूरा अभियान गुड़ गोबर हो जाएगा।
नासा अपने अंतरिक्ष से जुड़े मिशन पर हमेशा ही महिला और पुरुष ऐस्ट्रनॉट्स का क्रू भेजता रहा है लेकिन इस बार मंगल ग्रह मिशन पर सिर्फ महिलाओं को भेजने की तैयारी कर रहा है।
ब्रिटिश ऐस्ट्रोनॉट हेलन शरमन ने एक कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि नासा द्वारा फाइल की गई एक रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि महिला और पुरुष ऐस्ट्रनॉट्स इस डेढ़ साल के दौरान आकर्षित हो सकते हैं और उनके बीच संबंध बनने की भी आशंका है।
हालांकि, यह रिपोर्ट कभी जारी नहीं की गई लेकिन इसमें यही निष्कर्ष निकला कि मंगल पर जाने वाले क्रू में या तो सभी महिलाएं हों या फिर सभी पुरुष। इसलिए नासा ने अपने क्रू में बदलाव का निर्णय किया है। नासा का यह भी मानना है कि एक टीम के तौर पर महिलाएं अच्छा काम करती हैं और लीडर बनने की होड़ को लेकर उनके बीच झगड़े की भी आशंका कम रहती है।