औरंगाबाद। भारतीय समाज पुरुष प्रधान होने के बावजूद को बराबर का दर्जा देता है। हालांकि कई मामलों में यह बेलेंस डिसबेलेंस हो जाता है और कहीं पत्नी तो कहीं पति भारी पड़ जाता है। पत्नी पर जुल्म के तो कई किस्से हैं लेकिन कई पति ऐसे भी हैं जो पत्नी की ज्यादती के शिकार हैं। ऐसे ही पत्नी पीड़ितों के लिए एक उम्मीद बना है यह आश्रम।
आपको जानकर हैरानी होगी कि एक आश्रम ऐसा भी है, जो सिर्फ पुरुषों के लिए, वो भी पत्नी पीड़ित पुरुषों के लिए। जी हां औरंगाबाद से 12 किमी दूर शिर्डी-मुंबई मार्ग पर एक आश्रम है, जो देखने में तो सामान्य आश्रम जैसा लगता है, लेकिन है खास। यहां सिर्फ पत्नी पीड़ित आते हैं। आश्रम के संस्थापक भारत फुलारे खुद को पत्नी पीड़ित बताते, उन पर अब तक तकरीबन 147 केस दाखिल हो चुके हैं।
पुरुष दिवस पर हुई शुरूआत
19 नवंबर 2016 को पुरुष अधिकार दिवस के अवसर पर शुरू किए गए इस आश्रम में अब तक देशभर से 500 से ज्यादा लोग काउंसलिंग के लिए आ चुके हैं। यहां दाखिले की शर्त भी बेहद मुश्किल है। पत्नी की ओर से कम से कम 20 केस दाखिल होने जरूरी हैं। हर शनिवार, रविवार की सुबह 10 से शाम 6 बजे तक पत्नी पीड़ितों की काउंसलिंग की जाती है।