नई दिल्ली। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की पेशी, गिरफ्तारी, हिंसा भड़कने से लेकर बलात्कारी बाबा को अंजाम तक पहुंचाने तक के घटनाक्रम को लेकर बीजेपी सरकार में श्रेय लेने की होड़ मची है। कल तक डेरा प्रमुख के समर्थन के अहसान से दबी बीजेपी अब सोशल मीडिया के जरिए प्रचार कर रही है कि हमने ही बाबा को जेल भिजवाया है। अब तक कांग्रेस यह हिम्मत नहीं दिखा पाई।
मगर एक नए खुलासे से बीजेपी के इस बड़बोलेपन को झटका लगा है।
केस की जांच में शामिल रहे सीबीआई के रिटायर डीआईजी एम. नारायणन ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। उनके मुताबिक तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह की वजह से आज राम रहीम जेल में है।
यह किया खुलासा
यह सभी जानते हैं कि रेप पीड़ित साध्वियों ने सबसे पहले तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को चिट्ठी लिखकर यौन शोषण का आरोप लगाया था। वाजपेयी ने सीबीआई जांच बैठाई। इसके बाद मनमोहन पीएम बने।
तब राम रहीम के खिलाफ जांच नहीं करने को लेकर कुछ सांसदों ने मनमोहन सिंह पर दबाव बनाने की कोशिश की थी। राजनीतिक प्रेशर के बावजूद मनमोहन सीबीआई के साथ खड़े रहे और उन्होंने जांच टीम को फ्री हैंड दिया। इसी का नतीजा है कि सीबीआई बाबा के खिलाफ सबूत जुटा सकी।
नारायणन का कहना है कि मनमोहन ने उस सियासी दबाव को नजरंदाज करते हुए जांच जारी रखने को कहा। सीबीआई को स्पष्ट निर्देश थे कि हम कानून के अनुसार चलें। उन्होंने दोनों साध्वियों के लिखित बयान पढऩे के बाद कहा कि पंजाब और हरियाणा के सांसदों के दबाव में आने की कोई जरूरत नहीं।
नारायणन ने यह भी कहा कि दोनों राज्यों के सांसदों से इतना ज्यादा दबाव था कि मनमोहन सिंह ने तब के सीबीआई चीफ विजय शंकर को बुलाया और पूरे मामले की जानकारी ली। उसके बाद से सीबीआई ने राम रहीम के खिलाफ बिना किसी दबाव के काम किया। अगर तब फ्री हैंड नहीं मिला होता तो आज बाबा का यह अंजाम नहीं होता।
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